बीमारी का बगैर दवाई भी इलाज़ है,मगर मौत का कोई इलाज़ नहीं दुनियावी हिसाब किताब है कोई दावा ए खुदाई नहीं लाल किताब है ज्योतिष निराली जो किस्मत सोई को जगा देती है फरमान दे के पक्का आखरी दो लफ्ज़ में जेहमत हटा देती है

Sunday 17 July 2016

नक्षत्रानुसार जातक पर पड़ने फल

अंतर्गत लेख:



जातक पर नक्षत्र का बहुत प्रभाव पड़ता है | अतः नक्षत्रानुसार जातक पर पड़ने वाला प्रभाव आगे दिया गया है |

1-अश्विनी – विचारशील, अध्ययन, अध्यापन करने वाला, ज्योतिष, वैद्यक आदि शास्त्रों में रूचि रखने वाला, लेखक, ईमानदार, चंचल प्रकृति, मस्से का रोगी और गृह – कलह प्रिय |
2-भरणी – बलवान, शत्रुओं पर अचानक आक्रमण करने वाला, चालाक, धार्मिक कार्यो में रूचि रखने वाला, चित्रकार, धोखेबाज, निम्न स्तर के कार्य करने वाला तथा उन्नति का आकांक्षी |
3-कृत्तिका – विध्याभिलाषी, पशु प्रेमी, अस्वस्थ्य, भोगी, साधक, साधू संतों में आस्था रखने वाला, कलहप्रिय,निर्धन से धनवान होने वाला, लड़ाई-झगड़ों में रूचि रखने वाला, वकील एवं कट्टर धार्मिक |
4-रोहिणी – स्वच्छता प्रिय, असत्यवादी, संगीत में रूचि रखने वाला, सामजिक कार्यकर्त्ता, प्रसन्नचित्त, भूत-प्रेतों में विश्वास करने वाला, प्रतिष्ठा का इच्छुक, ईमानदार व् सत्यभाषियों का हित सम्पादन करने वाला |
5-मृगशिरा – धनवान, अनैतिक कार्यों से धन इकठ्ठा करने वाला, अविश्वासी, उन्नतिगामी, सट्टा-जुआ आदि में रूचि रखने वाला, व्यापारी, अधिकारी, कार्यों में निपुण, विचारशील, प्रगतिशील, धार्मिक और यदा कदा उत्सवों में झूठा आडम्बर तथा शान-शौकत दिखाने वाला |
7-आर्द्रा – मधुरभाषी, सबसे प्रेमपूर्वक व्यवहार करने वाला, साधारण आर्थिक स्थिति युक्त,अपमानजनक कार्य करने वाला, अदूरदर्शी, कुटुम्बियों से कलह करने वाला, ओछा तथा घुमक्कड़ी |
8-पुनर्वसु – विचारपूर्वक कार्य करने वाला, शिक्षक तथा मेधावी, दंतरोग से पीड़ित, ससुराल से धन प्राप्त करने वाला, वृद्धावस्था में सुखी, स्वच्छ वस्त्रों का इच्छुक, क्रोधी, अभिमानी, उच्चाभिलाषी, उत्तम तथा महत्वपूर्ण पद प्राप्त करने वाला, व्यभिचारी तथा आलसी और हाथ पैरों की पीड़ा से ग्रस्त |
9-पुष्य – अस्वस्थ्य, कार्यों को चतुरतापूर्वक निबटाने वाला, शिव भक्त, मशीनरी, की वस्तुओं से लाभ पाने वाला, बात बेबात मित्रों से विरोध करने वाला, व्यापारिक बुद्धि वाला, सम्बन्धियों से प्रेम करने वाला, मानसिक चिंता से ग्रस्त, साधारण आर्थिक स्थिति वाला तथा मुंह पर स्पष्ट कहने वाला |
10-आश्लेषा – धनवान, स्त्री प्रेमी, काम-शक्ति में कमजोर, स्वार्थी, दूसरों का कार्य करने में तत्पर, खाने पीने में रूचि रखने वाला, अकस्मात् आहत करने वाला,  कभी कभी चोरी करने वाला, आलसी, छोटे व्यक्ति से मित्रता करने वाला, स्त्री के कष्ट से पीड़ित, हंसमुख और सत्यवक्ता |
11-मघा – गुप्त कार्यों में रूचि रखने वाला, क्रोधी, अकस्मात् हानि उठाने वाला, कर्णरोगी, तेज आवाज वाला, प्रबल कामी, दूसोर्ण के धन पर अधिकार रखने वाला, उन्नति में बार बार बाधाओं का सामना करने वाला, अप्रसन्नचित, चर्म रोग से पीड़ित, चिंताग्रस्त और अल्प वेतनभोगी |
12-पूर्वाफाल्गुनी – शस्त्र चलाने में निपुण, पशु-प्रेमी, व्यापारिक कार्यों में रूचि रखने वाला, धार्मिक संस्थाओं में कार्य करने वाला, क्रय विक्रय में हानि उठाने वाला, उन्नति के कार्यों में असफल, मान-सम्मान की इच्छा रखने वाला, इन्द्रिय सम्बन्धी रोगों से ग्रसित, स्वधर्म में अश्रद्धायुक्त, सर पर चोट का निशान रखने वाला, परेशान और हिम्मतवाला |
13-उत्तराफाल्गुनी – प्रियभाषी, कार्य-कुशल, अल्प द्रव्य वाला, थोड़े में निर्वाह करने वाला, एकांतप्रेमी, पशुओं में श्रद्धा रखने वाला, मातृ पितृ सुख से वंचित, तीक्ष्ण स्मरण शक्ति वाला, कलाकुशल और सम्बन्धियों से प्रेम व्यवहार करने वाला |
14-हस्त – मक्कार, कपटप्रिय, असत्यभाषी, अभिमानी, परिश्रमी, माता पिता के कष्ट से पीड़ित, लापरवाह, गायन प्रेमी, लम्बे डील डोल वाला, परिश्रम से उन्नति करने वाला, जलप्रेमी तथा पशु आदि पालकर निर्वाह करने वाला |
15-चित्रा – कर्ण तथा नेत्ररोगी, अद्भुत कार्य करने वाला, साधारण सी बात पर क्रोध करने वाला, नायक के कार्य में निपुण, शारीरिक बल बढाने में प्रयत्नशील, गरीब, विद्याभ्यास का इच्छुक, अनुभवी, शत्रुओं का सामना करने वाला तथा ईमानदार |
16-स्वाति – वीर, नेता, स्वप्नों में जीवित रहने वाला, भाग्यशाली, क्रोधावेश में खुद की और घर की हानि करने वाला, स्वतन्त्र विचार वाला, उन्नति में बाधा का शिकार, अपनी बात पर हठपूर्वक अड़ने वाला, चतुराई से काम निकालने वाला, पुष्ट शरीर, तीव्र विचार शक्ति और शरीर में चोट पाने वाला |
17-विशाखा – विदेशी भ्रमणकारी, चित्रकार, सच्चाई का इच्छुक, लड़ाई करने में कुशल, विचारहीन, चतुर, व्यापारिक कार्यों में रूचि रखने वाला, दूसरों को अच्छी सलाह देने वाला, भाषण देने में चतुर, उन्नतिशील तथा ज्योतिष आदि में विश्वास रखने वाला |
18-अनुराधा – उच्च विचार वाला, ईमानदारी से कार्य करने वाला, स्वधर्म प्रेमी, नए विचारों का स्वागत करने वाले, दर्शन, वेद और ज्योतिष में तीव्र रुचि रखने वाला, सम्मान पाने वाला, पितृ सुख से वंचित, काम निकालने में चतुर, कला निपुण, पढने में परिश्रमी, बचपन से दुःख उठाने वाला, उन्नतिशील, दूसरों की बातों को समझने वाला और उनको समझाने वाला, उच्च कोटि का कार्यकर्ता तथा संगीत में रूचि रखने वाला |
19-ज्येष्ठा – अच्छा लेखक, अभिमानी, विलासी, भाइयों से हानि उठानी वाला, बोलने में तेज, अस्वस्थ्य, आलसी स्वभाव, पशु पालन, मित्रों पर अंध श्रद्धा रखने वाला, उन्नति के कार्य में विघ्न बाधा पाने वाला, स्वकुल विरोधी तथा उन्नतिशील |
20-मूल – अपनी इच्छानुसार कार्य करने वाला, पुरानी पीढ़ी से विद्रोह करने वाला, पिता को  कष्टकारी, उदररोगी, दूसरों की बात न मानने वाला, घुमक्कड़ जीवन बिताने वाला, जादू टोने और तांत्रिक विद्या में निपुण, औषधियों के क्रय विक्रय से लाभ उठाने वाला, वस्त्रालंकार प्रेमी, शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने वाला, पढने की तीव्र इच्छा रखने वाला, स्वच्छता प्रेमी, बुढापे में कष्ट उठाने वाला एवं पढ़ाई में उन्नति करने वाला |
21-पूर्वाषाढ़ – दूसरों से सम्मान प्राप्त करने वाला, बचपन में दुखी परन्तु मध्यमावस्था में सुखी, शान्तिभोगी, प्रबल कामी, अनेक स्त्रियों से संसर्ग रखने वाला, एकान्तप्रिय, दुर्बल शरीर, गायन कला में निपुण, स्त्रियों से धन प्राप्त करने वाला, अल्पायु में पिता कष्ट से पीड़ित, मानसिक रोगी, अनेक चिंताओं से ग्रसित, कार्यकुशल तथा शीघ्र सफलता प्राप्त करने वाला |
22-उत्तराषाढ़ – चित्रकला में निपुण, स्वच्छ वस्त्रों का शौक़ीन, मान-प्रतिष्ठा प्राप्त करने वाला, भाषण कला में निपुण, पुष्ट शरीर, श्रेष्ठ बुद्धि, अल्पायु, अभिमानी, असत्यभाषी, रुक रुक कर बात करने वाला, व्यापारिक कार्यों से लाभ उठाने वाला, गृहकार्यों में निपुण, तीव्र बुद्धि वाला, इच्छाशक्ति और भविष्य के लिए सुख सुविधा जुटाने वाला |
23-श्रवण – चंचल स्वभाव, मातृ-पितृ भक्त, अभिमानी, जल सम्बन्धी कार्यों में रूचि रखने वाला, सोच विचार कर कार्य करने वाला, मित्र विरोधी, खाने पीने की वस्तुओं का शौक रखने वाला, अस्वस्थ्य, व्यापार एवं क्रय विक्रय से लाभ उठाने वाला, भूमि कार्यों में निपुण, धनवान व् धार्मिक कार्यों में उत्साह रखने वाला |
24-धनिष्ठा – अदूरदर्शी, उन्नति के कार्यों में बाधा पाने वाला, युद्ध कार्यों से प्रेम करने वाला, गरीब, श्रम से ऊंचा उठने वाला,  स्त्री प्रेमी, ईमानदार, स्वच्छ वस्त्रधारी, क्रोधी, अभिमानी, उन्नति की आकांक्षा रखने वाला, लोहे के कार्य में हानि उठाने वाला तथा मार-पीट में नुक्सान उठाने वाला |
25-शतभिषा – सेवाभावी, स्वच्छ, पवित्र कार्य करने वाला, धार्मिक, चंचल स्वभाव, बिना सोच समझकर कार्य करने वाला, यदा कदा किये गए कार्यों में हानि उठाने वाला, मशीनरी के कार्यों में रूचि रखने वाला, उच्च विचार एवं सात्विक जीवन बिताने वाला, बुद्धिमान, सदाचारी, साधु संतो का प्रेमी तथा कट्टर धार्मिक |
26-पूर्वाभाद्रपद – ईश्वरभक्त, स्त्रियों से संकोच करने वाला, आरामपसंद, पुजारी, कार्य में अनायास सफलता प्राप्त करने वाला, यात्रा प्रिय, कवि, चतुरतापूर्वक कार्य करने वाला, स्वस्थ्य, बच्चो का प्रेमी और शिक्षण कार्यों में रूचि रखने वाला |
27-उत्तराभाद्रपद – प्रसन्नचित्त, उन्नतिशील, स्त्रियों से विशेष सम्मान पाने वाला, उदारचरित्र, मुक्तहस्त, भावुक, सोच-विचार से काम करने वाला, अकस्मात् हानि का शिकार, शत्रुओं से दुखी, आलसी, विद्या प्रेमी, उच्च सत्कुलीन, राजकर्मियों का मित्र |
28-रेवती – विद्याप्रेमी, सरल स्वभाव, विनम्र, तीर्थयात्री, बुद्धि से काम न करने वाला, प्रसन्नचित्त, गरीब, एकान्तप्रिय, ईश्वरभक्त, उन्नति के कार्यों में रुकावट पाने वाला, आध्यात्मिक शक्ति से संपन्न, सोच विचार न करने वाला और मित्रों से लाभ उठाने वाला |

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