मैं क्या हूँ ?.. पता नहीं.. जानना चाहता मैं कौन हूँ..शायद हम सभी खुद को ढूँढ़ने में लगे हुये हैं. ज़िन्दगी के किसी मोड़ पर, किसी से मिलकर या किसी घटना के समय, हमें खुद अपना ही अन्जाना चेहरा दिख जाता है और तब हम सोचते हैं कि क्या ये मैं ही हैं ?...तो कोई भी नहीं कह सकता कि वह है कौन ?.. मैं नहीं जानता कि मेरी जीवन-यात्रा का गन्तव्य कहाँ है ?.. पर मैं ये जानता हूँ कि मुझे क्या करना है...और क्या नहीं करना है ?..अपने बारे में लिखना हमेशा ही मुश्किल काम होता है। ख़ैर, फिर भी मैं कोशिश करता हूँ। अपने बारे में बताने के लिए कुछ खास तो नहीं है
इसलिए जो आम है वही मैं आपको बताता हूँ।मेरा जन्म भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली मैं हुआ था और यही सक्रिय हूँ.बचपन से निवास एवं कर्मस्थली यही रही यहीं साहित्यिक व्यक्तित्व का आरम्भ और विकास भी यही हुआ, मेरा झुकाव लेखन पत्रकारिता , आध्यात्म और ज्योतिष रहस्य में बेहद रही है. इन्हीं विषयों पर लिखना भी अच्छा लगता है. चूंकि मेरा धर्म लेखन है और पेशा पत्रकारिता है मेरा सबसे प्रिय शौक है सामुद्रिक विज्ञान, ज्योतिष ।
गत 25 साल से पत्रकारिता में हूं,गूढ़ विद्याओं पर लिखना पसंद करता हूं करीब ढाई दशक से सक्रिय पत्रकारिता में हूँ व स्वतंत्र राईटर गाईड हिन्दी समाचार नियमित प्रकाशित कर रहा हूँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में 10 हजार से भी अधिक लेख-निबंध, साक्षात्कार-समीक्षाएं रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं।हिंदी-साहित्य में विशेष रुचि है।
हिंदी-साहित्य को पढ़ना बहुत पसंद है। अपनी मर्जी से कलम घिसा सकता हूं 14 साल की उम्र में लिखना शुरू किया। अब तक कई पुस्तक लिखी कुछेक महत्वपूर्ण किताबों के अनुवाद किये। कुछेक किताबों का संपादन किया।कहानी संग्रह और उपन्यास पर कार्य हुए।समाज से जुड़े हुए मुद्दों तथा व्यंग लेखन में विशेष रुचि है। जिसके कारण एक बहुत बड़ा पाठक वर्ग मेरे हिस्से में भी आया । अकेलापन हमेशा रास आया।और खूब पढ़ा भी। वेदान्त पद्धतियों और कहानी ,लेख, ,संस्मरण ,लोककथा पढ़ना हमेशा अच्छा लगता है।
में, अपने लेखन के बारे में और अपने किये और न किये गये कामों के बारे में अब कोई भ्रम नहीं पालता। मैं ये स्वीकार करता हूं कि मैं पूरे जीवन में मैंने अपने लेखन के ज़रिये कोई क्रांति ही की है।
मुझे जितने लोग चाहने वाले हैं, उससे ज्यादा शायद न चाहने वाले होंगे। मैं सीधा सादा जीवन जीता हूं और संतुष्ट रहता हूं।, इतना ज़रूर है कि ईमानदार जीवन जीया अपनी सामर्थ्य भर परिवार, समाज और देश के प्रति अपने छोटे मोटे कर्तव्य निभाता रहा।मैं बहुत अरसे तक इस भ्रम में रहा कि मैं औरों से बेहतर इन्सान हूं। सही समझ रखता हूं सही फैसले करता हूं और संतुलित जीवन जीता हूं। मैं ये भी मान कर चलता रहा कि बेशक कुछेक कमज़ोरियां मुझ में रही हों। । मैं अपनी निगाह में बेहतर इन्सान हूं, दूसरों की निगाह में भी मैं उतना ही श्रेष्ठ, बेहतरीन और अनुकरणीय हूं।मैं लोगो के व्यावहार को देखते हुये मै नही सोचता कि लोग मेरे बारे में क्या सोचते हैं महान न्युटन की इस लाईन से बहुत ज्यादा प्रभावित हुं।
मैरी खोजी प्रकृति मेरी आदत बन गयी, जानकारियां हासिल कर उन पर लिखना मेरा शौक बन गया और तर्क पूर्ण लेख लिखना मेरा होसला बुलन्द करता है। बचपन में सरक्षंण व मार्गदर्शन के अभाव ने मुझे कम उम्र में बडो की तरह सोचने पर मजबूर होना पड़ा, जो शायद मेरा सौभाग्य था। अब जीवन को कामयाबी का रूप देना मेरा जनून।अब तक का जीवन यायावर की भांति ही बीता है। पत्रकारिता को हमने पेशा बनाया है, किन्तु वर्तमान समय में पत्रकारिता के हालात पर रोना ही आता है।
फिलहाल नवोदित पत्रकारो व लेखक को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से अखिल भारतीय स्वतंत्र लेखक मंच का गठ्न किया| जिसको समस्त भारत में सक्रिय रुप से गठित किया संस्था की ओर से ग्रामीण पत्रकारिता के लिए में विशेष योगदान करती है।
1985 शौकिया तौर पर 15 साल की उम्र से में विभिन्न विख्यात महान गुरुओ के सानिध्य में ज्योतिष की शिक्षा ली और उनकी परंपरा को आगे बढ़ाया। वैदिक ज्योतिष, जन्मकुंडली फलित,नाडी ज्योतिष, प्रश्न ज्योतिष, हस्त रेखा,फेंग शुई और वास्तु,अंक ज्योतिष, रेकी गहन चिकित्सा, दूरस्थ चिकित्सा,एंजल चिकित्सा एवं सम्मोहन उपचार, पेंडुलम, एक्यूप्रेशर ,डाउजिंग, ध्यान, योग प्राकृतिक चिकित्सा और कई अन्य पद्धतियां सीखीं और कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता हासिल है।
मगर लाल किताब में भीतर तक जाकर रहस्यमय खोज और अध्ययन मे महारत हासिल कर ली हैं।अपने दिव्य ज्योतिष ज्ञान से न केवल भारत वर्ष को अपितु सम्पूर्ण विश्व को जागृत कर आलोकित ज्ञान देना चाहता हूँ. ताकि उनका जीवन सबके लिए पथप्रदर्शक हो तथा उनके मार्ग पर सदैव सुख शांति व उन्नति प्राप्त होती रहें।
मैं देश-समाज और ईश्वर से जुड़ा हुआ हूं और उसके लिए काम करने में सुकून मिलता है। मैं समाज के लिये कुछ निरन्तर.करना चाहता हूँ, मुख्यतः उन लोगों के लिये, जो अपने लिये कुछ नहीं कर सकते,बस जिंदगी के इसी सूत्रवाक्य पर भरोसा रखते हुए जिम्मेदारी के साथ कर्म कर रहा हूँ.जब भी किसी जरूरतमंद को देखा, तुरंत मदद को हाथ बढ़ाया। इसी वजह कई महत्वपूर्ण स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़ा हूं।
मुझे नारी वादी विचारधारा में रुचि है, मुख्यतः इस बात में कि महिला-सशक्तीकरण के इतने प्रयासों के बाद भी कौन से कारण हैं, जिनके कारण औरतों की स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं हो पा रहा है।
विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक सरोकारों से जुड़ा साहित्यिक वार्ताओं और परिचर्चा ज्योतिष सम्मेलन . काव्य गोष्ठियों और आध्यात्म सम्मेलनों में शामिल होता रहा हूँ
मुझे कई महत्वपूर्ण प्रतिभावान वरिष्ठों का साथ मिला जो मेरे लिए आज भी प्रेरणास्रोत बने हुए हैं।
मेरे बारे में आप क्या जानना चाहते हैं बस इतना जान लीजिए कि मैं जीवन का छोटा सा । किरदार हूँ जो अपनी भूमिका न्यायपूर्वक और मन लगाकर निभाने का प्रयत्न कर रहा है।
इस संसार को छोडने के पश्चात भी नाम चलता रहे यह इच्छा बचपन से ही रही है ! इस तृप्ति की पूर्ति भी लेखक-जीवन में अनुभव हैं ।
जीवन में सफलता के लिए जिस किसी ने भी सहयोग सहायता करी उनका आभार सहित धन्यवाद
आप लाल किताब अनमोल को पढ़े उस पर चिंतन मनन करें और ठीक लगे तो अपने जीवन में उतारे ।
आपके रचनात्मक सुझाव, राय प्रतिक्रिया का भी स्वागत है|
Website Owner :- लक्ष्मण सिंह स्वतंत्र
मोबाईल 09868765003
ई-मेल आईडी:- Owner@lalkitabanmol.in
आपके द्वारा लिखित विचार सराहनीय है
ReplyDeleteMera naam sameer hai mai ,sifa,naam ki ladki se behad pyar karta hu mai usse shadi karna chahta hu kya meri shadi ho payegi koi upay bataye
ReplyDeletelaxman ji pls accept my regards, I am mukesh sahni from Dubai,, its 3 am now, just I got up in the night so to pass time, I open computer and found yr page, bahut achha laga, ishwer aapki sahayta kare , aapka naam samaj mai or prabhu ke darbar mai ooncha ho, can u tell my poorvajanama, my e mail is nipon1962@yahoo.com pls let me know wheather I can call u, my Dubai no 00971506524504
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