🪐ज्योतिष- ग्रह- नक्षत्र🪐
प्राचीन काल से ही विवाह के पूर्व कुंडली मिलान किया जाता रहा है। वर और वधु की जन्म कुंडली के आधार पर उनका विवाह होना योग्य हैं या नहीं, इसे कुंडली मिलान में देखा जाता है। कुंडली मिलान में कई बातें देखी जाती हैं उसमें सबसे ज्यादा मान्यता होती हैं मंगल की। बायोडाटा बनाने के पहले ज्योतिषी से पूछा जाता है वर या कन्या मांगलिक है या नहीं! नहीं है तो कोई बात नहीं लेकिन अगर मांगलिक है तब माता-पिता के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखलाई देने लगती हैं।
♦️मांगलिक कितने प्रतिशत❓
आम धारणा ये है कि मांगलिक बहुत कम होते हैं, परंतु ये गलत धारणा है। ज्योतिष के अनुसार जिन जातक की कुंडली में प्रथम, चतुर्थ, सप्तम,अष्टम तथा द्वादश इन भावों पर मंगल होने पर वो अशुभ होता है या साधारण भाषा में उसे मांगलिक कहते हैं।
मांगलिक का विवाह मांगलिक के साथ ही होना आवश्यक नहीं है। मंगल लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम तथा द्वादश भाव में प्रतिकुल परिणाम आमतौर पर देता है। इसलिए मंगल के सदृश्य दूसरी कुंडली में इन्हीं स्थानों पर मंगल हो तो अच्छा होता है। इसे मांगलिक का मांगलिक से मिलान कहते हैं।
♦️क्या हैं पगड़ी मंगल तथा चुनरी मंगल.❓
मांगलिक के संदर्भ में पगड़ी मंगल तथा चुनरी मंगल ये दो शब्द सुनने को मिलते हैं। पूछते हैं मंगल कौन सा है, पगड़ी मंगल या चुनरी मंगल। आमजन तो असमंजस में पड़ते ही हैं नए ज्योतिषी भी ये शब्द सुनकर दुविधा में पड़ जाते हैं कि ये क्या बला हैं कोई ग्रंथ में तो ये सुनने के लिए नहीं मिला। पहले लड़के आमतौर पर पगड़ी पहनते थे और लड़कियां चुनरी ओढ़ा करती थीं। इसलिए यदि लड़के की कुंडली मांगलिक है तब उसे पगड़ी मंगल कहा जाता हैं और यदि लड़की की कुंडली मांगलिक हैं तब उसे चुनरी मंगल कहा जाता है।
♦️क्या 28 वर्ष के बाद मंगलदोष दूर हो जाता है❓
कुछ लोगों में यह भी भ्रम है कि आयु के 28 वर्ष के बाद वह कुंडली मांगलिक नहीं होती। ये पुरी तरह से निराधार है।
साधारण तौर पर यदि कुंडली मे मंगल दोष हैं तब विवाह 28 वर्ष तक नहीं होने देता, कुछ शुभता उसमें हैं तब 24 वें वर्ष में विवाह करवा देता है, परंतु आमतौर पर 28 वर्ष तक विवाह नहीं होता। 28 वर्ष के बाद कुंडली में मंगल का प्रभाव तो रहेगा ही, हां कुछ हद तक उसका कुप्रभाव कुछ कम हो जाता है।
लेकिन सही मायने में कुंडली में पड़ा हुआ कोई भी दोष पूर्णतया कभी खत्म नहीं होता। वह कभी भी अपनी दशा-महादशा अंतर्दशा में प्रभावी जरूर होता है।।
ध्यान रहे👉 मंगल दोष से घबराना नहीं चाहिए, काफी ऐसे उपाय हैं जो हम जीवन पर्यंत करते हुए मंगल दोष के कुप्रभाव से मुक्त हो सकते हैं।