lka 01/07/2019
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ज्योतिष शास्त्र से किसी भी व्यक्ति के जन्म का समय, स्थान, दिन आदि से उसके भविष्य , व्यक्तित्व , कार्यक्षेत्र आदि के बारें में काफी कुछ अंदाज लगाया जा सकता है । जन्म के समय स्थित गृह-नक्षत्रों की स्थिति आपके भविष्य पर काफी असर डालती है. |
कोई भी व्यक्ति जब नौकरी करता है तो उसका स्थानांतरण होना एक स्वाभाविक बात है | कभी - कभी यह स्थानांतरण ( TRANSFER ) अपनी ईच्छा के अनुरूप होता है तो कई बार अनिच्छा से नये स्थान पर जाना पड़ता है।
कई बार TRASFER पदोन्नति के साथ भी हो सकता है या केवल समान पद पर रहते हुए बिना किसी वेतन वृद्धि के भी होता है।
जन्मकुंडली में ट्रांसफर के ज्योतिषीय कारण / ज्योतिषीय योग ===
कुंडली में केंद्र भाव अर्थात पहला भाव, चौथा भाव, सप्तम भाव तथा दशम भाव पीड़ित हो तो या अशुभ हो तो यह स्थानांतरण दर्शाता है।
जन्म कुण्डली के चतुर्थ भाव के स्वामी या चतुर्थ भाव से संबंधित ग्रहों की दशाओं में तबादले के योग बनते हैं ।
यदि किसी जातक की लग्नेश की, दशमेश की तथा उच्च के ग्रह की दशा चल रही हो तो उसमे भी स्थानांतरण हो सकता है।
मंगल व सूर्य का गोचर भी तबादले के योग बनाता है।यदि मंगल या सूर्य जन्मकुंडली के दशम भाव अथवा प्रथम भाव से गोचर में परिभ्रमण करते हैं ,तब स्थानान्तरण के योग बनते हैं ।
कुंडली के चतुर्थ भाव व सप्तम भाव पर भी मंगल व सूर्य का भ्रमण तबादले के योग बनाता है।
1,4,7,10 चर राशियां होने पर और इनकी महादशा - अन्तर्दशा में व्यक्ति का स्थानान्तरण के योग बनते है ।
जन्मकुण्डली में स्थित सूर्य से शनि, शुक्र शत्रु ग्रहों का संबंध होने पर व्यक्ति की का नहीं चाहते हुए भी ट्रांसफर योग बन जाता है |
यदि किसी जातक की कुंडली में चौथा भाव प्रभावित है तो यह स्थानांतरण का संकेत है।
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य तथा चंद्र को राजा या प्रशासन से सम्बंध रखने वाले ग्रह के रूप में जाना जाता है। इनकी दशा महादशा में इनकी स्थिति अनुसार अपनी पसंद - नापसंद के ट्रांसफर योग बनते है |
जन्म कुंडली में शनि तुला ,मकर अथवा कुंभ राशि में हो तो उस व्यक्ति का स्थानान्तरण बहुत कम होता है |
कुंडली में 3 rd house और 12th house Transfer में मुख्य भूमिका निभाते हैं तथा इनके स्वामियों के बीच में अगर किसी भी तरह से योग बनता है तब ट्रांसफर के योग बनते हैं |
पदोन्नति के लिए सातवें भाव को देखा जाता है और आर्थिक लाभ के लिए अगर उनके धन भाव और लाभभाव से संबंध बनता है तो वह हमें आर्थिक लाभ दिलाता है ।इस तरह से कुंडली विश्लेषण कर के जातक जान सकता है उसका स्थानांतरण तबादला ,सुख प्रदान करेगा या परेशानी उत्पन्न करेगा ।
गुरु ग्रह जन्म कुंडली के दशम भाव पर स्थित राशि पर से भ्रमण करता है तो अनुकूल स्थानांतर इस समय होता है।
यदि लग्न से दशम तथा दशमांश कुंडली में दशम भाव में स्थित ग्रह, केंद्र या त्रिकोण से सम्बन्ध बनाए तथा वह पाप ग्रह हो तब उसकी दशा में भी नौकरी में रूकावट आती है और स्थानांतरण की सम्भावना होती है।
TRANSFER अनुकूल होगा या प्रतिकूल
- लग्न, 10, 4, 3, 12 और 6 th भाव तथा भावेश इनका बलाबल , गोचर में परिस्थति और इन भावों के स्वामियों की दशा अन्तर्दशा को जन्मकुंडली में देखना होता है |
- दशमेश यदि तृतीय भाव शत्रु राशि में चला जाए तो व्यक्ति के सहयोगी उसके खिलाफ हो जाते हैं और वह ग्रह नकारात्मक प्रभाव देता है।
गोचर में प्रमुख ग्रहण शनि तथा मित्र ग्रह शुक्र बुध राहु से पहला भाग दूसरा भाव छठा भाव नवा भाव दसवां भाव 11 भाव इनसे अगर नव-पंचम योग करता है तब अनुकूल स्थान पर ट्रांसफर होता है।
यदि किसी कुंडली में सूर्य नीच का होकर केंद्र या त्रिकोण में स्थित हो तथा अशुभ ग्रहों से दृष्टि हो तो नौकरी में प्रतिकूल स्थान पर स्थानांतरण होता है।
चतुर्थ भाव या चतुर्थ भाव से संबंधित ग्रह शुभ हो तो इच्छित स्थान पर तबादला होता है और अशुभ ग्रह होने पर प्रतिकूल स्थान पर स्थानान्तरण होता है।
पदोन्नति के लिए 7 th भाव धन भाव और लाभभाव से संबंध बनता है तो आर्थिक लाभ मिलता है।
कुंडली विश्लेषण द्वारा यह जाना जा सकता है कि स्थानांतरण ( TRANSFER ) ,सुख प्रदान करेगा या परेशानी उत्पन्न करेगा. | जो शुभ ग्रह कमजोर हैं उन्हें बलवान बनाकर और अशुभ ग्रहों को शांत कर, इस तरह की समस्याओं का अंत किया जा सकता है।
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