बीमारी का बगैर दवाई भी इलाज़ है,मगर मौत का कोई इलाज़ नहीं दुनियावी हिसाब किताब है कोई दावा ए खुदाई नहीं लाल किताब है ज्योतिष निराली जो किस्मत सोई को जगा देती है फरमान दे के पक्का आखरी दो लफ्ज़ में जेहमत हटा देती है

Saturday 24 August 2019

आज का दिनांक 24 अगस्त 2019 पंचांग

अंतर्गत लेख:


ऊं नमः शिवाय
 सदा सहाय
ऊं नमः शिवाय गुरुजी सदा सहाय
ऊं नमः शिवाय श्री बालाजी सदा सहाय

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🌞 ~ आज का हिन्दू पंचांग ~
⛅ दिनांक 24 अगस्त 2019
⛅ दिन - शनिवार
⛅ *विक्रम संवत -
⛅ शक संवत -1941
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ *मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ तिथि - अष्टमी सुबह 08:32 तक तत्पश्चात नवमी
⛅ नक्षत्र - रोहिणी 25 अगस्त रात्रि 04:17 तक तत्पश्चात मॄगशिरा
⛅ योग - व्याघात शाम 03:49 तक तत्पश्चात हर्षण
⛅ राहुकाल - सुबह 09:20 से सुबह 10:54 तक
⛅ सूर्योदय - 06:20
⛅ सूर्यास्त - 19:02
⛅ दिशाशूल - पूर्व दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण - जन्माष्टमी (भागवत) (नाथद्वारा, द्वारका, मथुरा, डाकोर में श्रीकृष्ण-जन्मोत्सव)
💥 विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
💥 अष्टमी तिथि के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
         श्रीकृष्ण-जन्माष्टमीव्रत की कथा एवं विधि 🌷
🙏 भविष्यपुराण उत्तरपर्व अध्याय – २४
🙏 राजा युधिष्ठिर ने कहा – अच्युत ! आप विस्तार से (अपने जन्म-दिन) जन्माष्टमी व्रत का विधान बतलाने की कृपा करें  |
🙏 भगवान् श्रीकृष्ण बोले – राजन ! जब मथुरा में कंस मारा गया, उस समय माता देवकी मुझे अपनी गोद में लेकर रोने लगीं | पिता वसुदेवजी भी मुझे तथा बलदेवजी को आलिंगन कर गद्गदवाणी से कहने लगे – ‘आज मेरा जन्म सफल हुआ, जो मैं अपने दोनों पुत्रों को कुशल से देख रहा हूँ | सौभाग्य से आज हम सभी एकत्र मिल रहे हैं  |’ हमारे माता-पिता को अति हर्षित देखकर बहुत से लोग वहाँ एकत्र हुए और मुझसे कहने लगे – ‘भगवन ! आपने बहुत बड़ा काम किया, जो इस दुष्ट कंसको मारा | हम सभी इससे बहुत पीड़ित थे | आप कृपाकर यह बतलाये कि आप माता देवकी के गर्भ से कब आविर्भूत हुए थे ? हम सब उस दिन महोत्सव मनाया करेंगे | आपको बार-बार नमस्कार है, हम सब आपकी शरण हैं | आप हम  प्रसन्न होइये | उस समय पिता वसुदेवजी ने भी मुझसे कहा था कि अपना जन्मदिन इन्हें बता दो |’
🙏 तब मैंने मठुरानिवासी जनों को जन्माष्टमी व्रत का रहस्य बतलाया और कहा – ‘पुरवासियों ! आपलोग मेरे जन्म दिन को विश्व में जन्माष्टमी के नाम से प्रसारित करें | प्रत्येक धार्मिक व्यक्ति को जन्माष्टमी का व्रत अवश्य करना चाहिये | जिस समय सिंह राशि पर सूर्य और वृषराशिपर चन्द्रमा था, उस भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अर्धरात्रि में रोहिणी नक्षत्र में मेरा जन्म हुआ | वसुदेवजी के द्वारा माता देवकी के गर्भ से मैंने जन्म लिया | यह दिन संसार में जन्माष्टमी नाम से विख्यात होगा | प्रथम यह व्रत मथुरा में प्रसिद्ध हुआ और बाद में सभी लोकों में इसकी प्रसिद्धी हो गयी | इस व्रत के करने से संसार में शान्ति होगी, सुख प्राप्त होगा और प्राणिवर्ग रोगरहित होगा |’
🙏 महाराज युधिष्ठिर ने कहा – भगवन ! अब आप इस व्रत का विधान बतलाये, जिसके करने से आप प्रसन्न होते हैं |
🙏 भगवान श्रीकृष्ण बोले – महाराज ! इस एक ही व्रत के कर लेने से सात जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं  | व्रत के पहले दिन दंतधावन आदि करके व्रत का नियम ग्रहण करें  | व्रत के दिन मध्यान्ह में स्नान कर माता भगवती देवकी का एक सूतिका गृह बनाये | उसे पद्मरागमणि और वनमाला आदिसे सुशोभित करें  | गोकुल की भांति गोप, गोपी, घंटा, मृदंग, शंख और मांगल्य-कलश आदिसे समन्वित तथा अलंकृत सुतिका-गृह के द्वारपर रक्षा के लिए खंग, कृष्ण छाग, मुशल आदि रखे | दीवालों पर स्वस्तिक आदि मांगलिक चिन्ह बना दें | षष्ठीदेवी की भी नैवेद्य आदि के साथ स्थापना करें  | इस प्रकार यथाशक्ति उस सूतिकागृह को विभूषितकर बीच में पर्यंक के ऊपर मुझसहित अर्धसुप्तावस्थावाली, तपस्विनी माता देवकी की प्रतिमा स्थापित करें  | प्रतिमाएँ आठ प्रकार की होती हैं –स्वर्ण, चाँदी, ताम्र, पीतल, मृत्तिका, काष्ठ की मणिमयी तथा चित्रमयी | इनमे से किसी भी वस्तुकी सर्वलक्षणसम्पन्न प्रतिमा बनाकर स्थापित करें  | माता देवकी का स्तनपान करती हुई बालस्वरूप मेरी प्रतिमा उनके समीप पलंग के ऊपर स्थापित करें  | एक कन्या के साथ माता यशोदा की प्रतिमा भी वहां स्थापित की जाय | सूतिका-मंडप के ऊपर की भित्त्तियों में देवता, ग्रह, नाग तथा विद्याधर आदि की मूर्तियाँ हाथोसे पुष्प-वर्षा करते हुए बनाये | वसुदेवजी को सूतिकागृह के बाहर खंग और ढाल धारण किये चित्रित करना चाहिये | वसुदेवजी महर्षि कश्यप के अवतार हैं और देवकी माता अदितिकी | बलदेवजी शेषनाग के अवतार हैं, नन्दबाबा दक्षप्रजापति के, यशोदा दिति की और गर्गमुनि ब्रह्माजी के अवतार हैं | कंस कालनेमिका अवतार है | कंस के पहरेदारों को सूतिकागृह के आस-पास निद्रावस्था में चित्रित करना चाहिये | गौ, हाथी आदि तथा नाचती-गाती हुई अप्सराओं और गन्धर्वो की प्रतिमा भी बनाये | एक ओर कालिय नाग को यमुना के ह्रदय में स्थापित करें  |
🙏 इसप्रकार अत्यंत रमणीय नवसुतिका-गृह में देवी देवकी का स्थापनकर भक्ति से गंध, पुष्प, अक्षत, धूप, नारियल, दाडिम, ककड़ी, बीजपुर, सुपारी, नारंगी तथा पनस आदि जो फल उस देशमें उससमय प्राप्त हों, उन सबसे पूजनकर माता देवकी की इसप्रकार प्रार्थना करे –
🌷  गायभ्दि: किन्नराध्यै: सततपरिवृता वेणुवीणानीनादै भृंगारादर्शकुम्भप्रमरकृतकरै: सेव्यमाना मुनीन्द्रै: |
पर्यन्गे स्वास्तृते या मुदित्ततरमना: पुत्रिणी सम्यगास्ते सा देवी देवमाता जयति सुवदना देवकी कान्तरूपा ||
🙏 ‘जिनके चारों ओर किन्नर आदि अपने हाथों में वेणु तथा वीणा-वाद्यों के द्वारा स्तुति-गान कर रहे हैं और जो अभिषेक-पात्र, आदर्श, मंगलमय कलश तथा चँवर हाथों में लिए श्रेष्ठ मुनिगणोंद्वारा सेवित हैं तथा जो कृष्ण-जननी भलीभांति बिछे हुए पलंगपर विराजमान हैं, उन कमनीय स्वरुपवाली सुवदना देवमाता अदिति-स्वरूपा देवी देवकी की जय हो |’
🙏 उससमय यह ध्यान करें कि कमलासना लक्ष्मी देवकी के चरण दबा रही हो | उन देवी लक्ष्मी की – ‘नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नम: |’ इस मन्त्र से पूजा करे | इसके बाद ‘ॐ देवक्यै नम:, ॐ वासुदेवाय नम:, ॐ बलभद्राय नम:, ॐ श्रीकृष्णाय नम:, ॐ सुभद्रायै नम:, ॐ नन्दाय नम: तथा ॐ यशोदायै नम:’ – इन नाम-मन्त्रों से सबका अलग-अलग पूजन करें  |
🙏 कुछ लोग चन्द्रमा के उदय हो जानेपर चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान कर हरि का ध्यान करते हैं, उन्हें निम्नलिखित मन्त्रों से हरि का ध्यान करना चाहिये –
🌷 अनघं वामनं शौरि वैकुण्ठ पुरुषोत्तमम |
वासुदेवं हृषीकेशं माधवं मधुसूदनम ||
वाराहं पुण्डरीकाक्षं नृसिंहं ब्राह्मणप्रियम |
दामोदरं पद्यनाभं केशवं गरुड़ध्वजम |
 गोविन्दमच्युतं कृष्णमनन्तमपराजितम |
अघोक्षजं जगद्विजं सर्गस्थित्यन्तकारणम |
अनादिनिधनं विष्णुं त्रैलोक्येश त्रिविक्रमम |
नारायण चतुर्बाहुं शंखचक्रगदाधरम |
पीताम्बरधरं नित्यं वनमालाविभूषितम |
श्रीवत्सांग जगत्सेतुं श्रीधरं श्रीपति हरिम || (उत्तरपर्व ५५/४६ – ५०)
🙏 इन मन्त्रों से भगवान् श्रीहरि का ध्यान करके ‘योगेश्वराय योगसम्भवाय योगपतये गोविन्दाय नमो नम:’ – इस मन्त्र से प्रतिमा को स्नान कराना चाहिये | अनन्तर ‘यज्ञेश्वराय यज्ञसम्भवाय यज्ञपतये गोविन्दाय नमो नम:’ – इस मंत्रसे अनुलोपन, अर्घ्य, धूप, दीप आदि अर्पण करें  | तदनंतर ‘विश्वाय विश्वेश्वराय विश्वसम्भवाय विश्वपतये गोविन्दाय नमो नम: |’ इस मन्त्र से नैवेद्य निवेदित करें  | दीप अर्पण करने का मन्त्र इसप्रकार हैं – धम्रेश्वराय धर्मपतये धर्मसम्भवाय गोविन्दाय नमो नम: |’
🙏 इसप्रकार वेदी के ऊपर रोहिणी-सहित चन्द्रमा, वसुदेव, देवकी, नन्द, यशोदा और बलदेवजी का पूजन करें , इससे सभी पापों से मुक्ति हो जाती हैं | चंद्रोदय के समय इस मन्त्र से चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान करें  –
🌷 क्षीरोदार्नवसम्भूत अत्रिनेत्रसमुद्भव |
गृहनार्घ्य शशाकेंदों रोहिण्या सहितो मम || (उत्तरपर्व ५५/५४)
🙏 आधी रात को गुड और घी से वसोर्धारा की आहुति देकर षष्ठीदेवी की पूजा करे | उसी क्षण नामकरण आदि संस्कार भी करने चाहिये | नवमी के दिन प्रात:काल मेरे ही समान भगवती का भी उत्सव करना चाहिये | इसके अनन्तर ब्राह्मणों को भोजन कराकर ‘कृष्णो में प्रीयताम’ कहकर यथाशक्ति दक्षिणा देनी चाहिये |
🙏 धर्मनंदन ! इसप्रकार जो मेरा भक्त पुरुष अथवा नारी देवी देवकी के इस महोत्सव को प्रतिवर्ष करता हैं, वह पुत्र, सन्तान, आरोग्य, धन-धान्य, सदगृह, दीर्घ आयुष्य और राज्य तथा सभी मनोरथों को प्राप्त करता हैं | जिस देशमें यह उत्सव किया जाता है, वहाँ जन्म-मरण, आवागमन की व्याधि, अवृष्टि तथा ईति-भीती आदि का कभी भय नहीं रहता | मेघ समयपर वर्षा करते हैं | पांडूपुत्र ! जिस घर में यह देवकी-व्रत किया जाता हैं, वहाँ अकालमृत्यु नहीं होती और न गर्भपात होता हैं तथा वैधव्य, दौर्भाग्य एवं कलह नहीं होता | जो एक बार भी इस व्रत को करता हैं, वहा विष्णुलोक को प्राप्त होता है | इस व्रत के करनेवाले संसार के सभी सुखों को भोगकर अंत में विष्णुलोक में निवास करते हैं |
🙏 *इति श्री भविष्यपुराण का उत्तरपर्व का चोवीसवाँ अध्याय समाप्त हुआ |
आज का राशिफल🕉
मेष- आज की अवधि मिक्षित प्रभाव प्रदान करती है। प्रगति और सम्मान पाने के लिए आज का दिन अच्छा है। आज आप धर्मी और आदर्शवाद बनेंगे। संघर्षों के मामले में विजयी बनेंगे। किसी भावनाओं में न आएं सावधान रहने की आवश्यकता है। उधार देने या लेने से बचना चाहिए। आपको सट्टा निवेश करने से बचना चाहिए। आज का समय सोच-समझ कर चलने वाला है।
वृष-हड्डियों और किड़नी की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए आज का समय मुश्किल भरा हो सकता है। परिवार के सदस्यों में आपसी मतभेद हो सकता है। अशांति आपके लिए चिंता का विषय बन सकती है। ऐसे में आप ज्यादा समय व्यर्थ की बातों पर न दें। जिससे आपका कीमती समय बर्बाद हो जाए।
मिथुन- आज का दिन आपके कार्य में महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए अच्छा है। आज आप चौतरफा सफलता हासिल करेंगे। आपके परिवार के बड़े-बुजुर्ग लोग आपकी खूब मदद करते नजर आएंगे। आप अपने किसी पुराने परिचित से मुलाकात कर सकते हैं। जिससे आपको आगे चलकर सफलता मिलेगी।
कर्क-आप अपने मन की बात अपने परिवार के सदस्य से कह सकते हैं। इस बार आप अपने समझदारी से सफलता प्राप्त कर पाएंगी। बिना वजह की चीजों को ज्यादा छेड़-छाड़ न करें। इससे आपको नुकसान हो सकता है। आप में से कुछ लोग पहाड़ की यात्रा पर जा सकते हैं।
सिंह- आप अपने कार्य में लगातार आगे बढ़ते रहेंगे। इससे आपको कोई रोक नहीं सकता है। आपकी मेहनचत रंग लाएगी आज आपको अपने मेहनत का पूरा फल मिलेगा। जीवनसाथी के साथ आनंदमयी समय बीतेगा। संतान को लेकर आपकी चिंता हो सकती है। ऐसे में आप अपने परिवार के बारे में सोचेंगे।
कन्या- नौकरी वाले लोग आज काम का अधिक बोझ समझ सकते हैं। अपने कार्य को आगे बढ़ाते चले। अगर आज परिवार से जुड़ा मामला चल रहा है तो इस पक्ष में आज कुछ सकारात्मक फैसला आ सकता है। पारिवारिक विवादों में खुद को दोष न दें। खुलकर अपने आप को रखें
तुला- आप जो काम कर रही है वह खुलकर आपके काम में आगे बढ़ाने का काम करेगा। आपके पास कुछ महंगे चीज आ सकते हैं। जिससे आपको फायदा होगा। प्रेमी से मनमुटाव हो सकता है। संपत्ति निवेश पर कुछ पैसा खर्च हो सकता है।
वृश्चिक- आज आप भावनात्मक रूप से परेशान चल रहे हैं। परिवार में झगड़े बढ़ सकते हैं। परिवार में विवाद हो सकता है। इस संबंध में आपको अच्छे कदम उठाना चाहिए। आपके माता का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। आपकी माता का सेहत बिगड़ सकता है। आपको वाहन चलाना आना जरूरी हो सकता है।
धनु- आज आपके जीवन में कुछ घटित हो सकता है। अगर आप मेहनत के बल पर नौकरी तलाश रहे हैं तो आपको अब ज्यादा इंतजार करने की जरूरत नहीं है। जल्द ही सफलता आपकी कदम चूमेगी। आप किसी नए कार्य की शुरुआत कर सकते हैं। जो आपके लिए लाभदायक होगा।
मकर- आज आप अपने खर्चे से परेशान रहेंगे। आपकी गलत जानकारी आपके रिश्ते को खराब कर सBकती हैं। काम पर अनुशासित रहने की बहुत ज्यादा आवश्यकता है। आप मानसिक शांति के लिए अपना सकारात्मक रवैया अपनाएं। किसी तरह की शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। जिससे आपका दिन अच्छा बन जाएगा।
कुंभ- आज आपको अच्छा परिणाम मिलेंगे। चल रही परेशानियां खत्म हो जाएंगी। सामाजिक कार्य या राजनीतिक कार्य में भी आपको सफलता मिल सकती है। आपको कुछ अनावश्यक खर्च भी करने पड़ सकते हैं। इससे बचने की कोशिश करें। संतान का विवाह पक्का हो सकता है।
मीन- आज आपका लंबे समय से रुका हुआ कार्य पूरा होगा। इससे आपको आगे भी सफलता मिल सकती है। आज के दिन किसी पुराने मित्र से मुलाकात हो सकती है। परिवार का माहौल खुशनुमा बना रहेगा। आफको अपने घरवालों के तरफ कोई सरप्राइज मिल सकती है।


 जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं

दिनांक 24 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 6 होगा। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति आकर्षक, विनोदी, कलाप्रेमी होते हैं। आपमें गजब का आत्मविश्वास है। इसी आत्मविश्वास के कारण आप किसी भी परिस्थिति में डगमगाते नहीं है। आपको सुगंध का शौक होगा। आप अपनी महत्वाकांक्षा के प्रति गंभीर होते हैं। 6 मूलांक शुक्र ग्रह द्वारा संचालित होता है। अत: शुक्र से प्रभावित बुराई भी आपमें पाई जा सकती है। जैसे स्त्री जाति के प्रति आपमें सहज झुकाव होगा। अगर आप स्त्री हैं तो पुरुषों के प्रति आपकी दिलचस्पी होगी। लेकिन आप दिल के बुरे नहीं है। 

शुभ दिनांक : 6, 15, 24 

शुभ अंक : 6, 15, 24, 33, 42, 51, 69, 78

शुभ वर्ष : 2015, 2022, 2026
  
ईष्टदेव : मां सरस्वती, महालक्ष्मी

शुभ रंग : क्रीम, सफेद, लाल, बैंगनी  

कैसा रहेगा यह वर्ष
लेखन संबंधी मामलों के लिए उत्तम होती है। जो विद्यार्थी सीए की परीक्षा देंगे उनके लिए शुभ रहेगा। व्यापार-व्यवसाय में भी सफलता रहेगी। विवाह के योग भी बनेंगे। स्त्री पक्ष का सहयोग मिलने से प्रसन्नता रहेगी। नौकरीपेशा व्यक्ति अपने परिश्रम के बल पर उन्नति के हकदार होंगे। बैक परीक्षाओं में भी सफलता अर्जित करेंगे। दाम्पत्य जीवन में मिली जुली स्थिति रहेगी। आर्थिक मामलों में सभंलकर चलना होगा।


LAL Kitab Anmol

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