बीमारी का बगैर दवाई भी इलाज़ है,मगर मौत का कोई इलाज़ नहीं दुनियावी हिसाब किताब है कोई दावा ए खुदाई नहीं लाल किताब है ज्योतिष निराली जो किस्मत सोई को जगा देती है फरमान दे के पक्का आखरी दो लफ्ज़ में जेहमत हटा देती है

Sunday 11 April 2021

आज 12/4/2021का श्री बालाजी पंचांग

अंतर्गत लेख:


 

पुण्य लाभ के लिए इस पंचांग को औरों को भी अवश्य भेजें 9911342666

 


🌞 ~ *आज का श्री बालाजी पंचांग* ~ 🌞

⛅️ *दिनांक 12 अप्रैल 2021*

⛅️ *दिन - सोमवार*

⛅️ *विक्रम संवत - 2077*

⛅️ *शक संवत - 1942*

⛅️ *अयन - उत्तरायण*

⛅️ *ऋतु - वसंत*

⛅️ *मास - चैत्र (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - फाल्गुन)*

⛅️ *पक्ष - कृष्ण*

⛅️ *तिथि - अमावस्या सुबह 08:01 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*

⛅️ *नक्षत्र - रेवती सुबह 11:30 तक तत्पश्चात अश्विनी*

⛅️ *योग - वैधृति दोपहर 02:28 तक तत्पश्चात विष्कम्भ*

⛅️ *राहुकाल - सुबह 07:57 से सुबह 09:31 तक*

⛅️ *सूर्योदय - 06:23*

⛅️ *सूर्यास्त - 18:55*

(सूर्योदय और सूर्यास्त के समय में जिलेवार अंतर संभव है)

⛅️ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*

⛅️ *व्रत पर्व विवरण - सोमवती अमावस्या (सूर्योदय से सुबह 08:01 तक), हरिद्वार कुंभ दूसरा शाही स्नान*

 💥 *विशेष - अमावस्या के दिन ब्रह्मचर्य पालन करें तथा तिल का तेल खानाऔर लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

               🌞 *~ श्री बालाजी पंचांग ~* 🌞

 

🌷 *नवरात्रि पूजन विधि* 🌷

*13 अप्रैल 2021 मंगलवार से नवरात्रि प्रारंभ ।*

🙏🏻 *नवरात्रि के प्रत्येक दिन माँ भगवती के एक स्वरुप श्री शैलपुत्री, श्री ब्रह्मचारिणी, श्री चंद्रघंटा, श्री कुष्मांडा, श्री स्कंदमाता, श्री कात्यायनी, श्री कालरात्रि, श्री महागौरी, श्री सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। यह क्रम चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को प्रातःकाल  शुरू होता है। प्रतिदिन जल्दी स्नान करके माँ भगवती का ध्यान तथा पूजन करना चाहिए। सर्वप्रथम कलश स्थापना की जाती है।*

*कलश / घट स्थापना विधि*

🌷 *घट स्थापना शुभ मुहूर्त (सुरत - गुजरात) :*

*13 अप्रैल 2021 मंगलवार को सुबह  06:21 से 10:16 तक*

*अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:14 से दोपहर 01:04 तक*

🙏🏻 *देवी पुराण के अनुसार मां भगवती की पूजा-अर्चना करते समय सर्वप्रथम कलश / घट की स्थापना की जाती है। घट स्थापना करना अर्थात नवरात्रि की कालावधि में ब्रह्मांड में कार्यरत शक्ति तत्त्व का घट में आवाहन कर उसे कार्यरत करना । कार्यरत शक्ति तत्त्व के कारण वास्तु में विद्यमान कष्टदायक तरंगें समूल नष्ट हो जाती है। धर्मशास्त्रों के अनुसार कलश को सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है। कलश के मुख में विष्णुजी का निवास, कंठ में रुद्र तथा मूल में ब्रह्मा स्थित हैं और कलश के मध्य में दैवीय मातृशक्तियां निवास करती हैं।*

🌷 *सामग्री:*

👉🏻 *जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्र*

👉🏻 *जौ बोने के लिए शुद्ध साफ़ की हुई मिटटी*

👉🏻 *पात्र में बोने के लिए जौ*

👉🏻 *घट स्थापना के लिए मिट्टी का कलश (हैमो वा राजतस्ताम्रो मृण्मयो वापि ह्यव्रणःअर्थात 'कलश' सोने, चांदी, तांबे या मिट्टी का छेद रहित और सुदृढ़ उत्तम माना गया है । वह मङ्गलकार्योंमें मङ्गलकारी होता है )*

👉🏻 *कलश में भरने के लिए शुद्ध जल, गंगाजल*

👉🏻 *मौली (Sacred Thread)*

👉🏻 *इत्र*

👉🏻 *साबुत सुपारी*

👉🏻 *दूर्वा*

👉🏻 *कलश में रखने के लिए कुछ सिक्के*

👉🏻 *पंचरत्न*

👉🏻 *अशोक या आम के 5 पत्ते*

👉🏻 *कलश ढकने के लिए ढक्कन*

👉🏻 *ढक्कन में रखने के लिए बिना टूटे चावल*

👉🏻 *पानी वाला नारियल*

👉🏻 *नारियल पर लपेटने के लिए लाल कपडा*

👉🏻 *फूल माला*

🌷 *विधि*

🙏🏻 *सबसे पहले जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्र लें। इस पात्र में मिट्टी की एक परत बिछाएं। अब एक परत जौ की बिछाएं। इसके ऊपर फिर मिट्टी की एक परत बिछाएं। अब फिर एक परत जौ की बिछाएं। जौ के बीच चारों तरफ बिछाएं ताकि जौ कलश के नीचे न दबे। इसके ऊपर फिर मिट्टी की एक परत बिछाएं। अब कलश के कंठ पर मौली बाँध दें। कलश के ऊपर रोली से ॐ और स्वास्तिक लिखें। अब कलश में शुद्ध जल, गंगाजल कंठ तक भर दें। कलश में साबुत सुपारी, दूर्वा, फूल डालें। कलश में थोडा सा इत्र डाल दें। कलश में पंचरत्न डालें। कलश में कुछ सिक्के रख दें। कलश में अशोक या आम के पांच पत्ते रख दें। अब कलश का मुख ढक्कन से बंद कर दें। ढक्कन में चावल भर दें। श्रीमद्देवीभागवत पुराण के अनुसार पञ्चपल्लवसंयुक्तं वेदमन्त्रैः सुसंस्कृतम्। सुतीर्थजलसम्पूर्णं हेमरत्नैः समन्वितम्॥अर्थात कलश पंचपल्लवयुक्त, वैदिक मन्त्रों से भली भाँति संस्कृत, उत्तम तीर्थ के जल से पूर्ण और सुवर्ण तथा पंचरत्न मई होना चाहिए।*

🙏🏻 *नारियल पर लाल कपडा लपेट कर मौली लपेट दें। अब नारियल को कलश पर रखें। शास्त्रों में उल्लेख मिलता है: अधोमुखं शत्रु विवर्धनाय,ऊर्ध्वस्य वस्त्रं बहुरोग वृध्यै। प्राचीमुखं वित विनाशनाय,तस्तमात् शुभं संमुख्यं नारीकेलं। अर्थात् नारियल का मुख नीचे की तरफ रखने से शत्रु में वृद्धि होती है।नारियल का मुख ऊपर की तरफ रखने से रोग बढ़ते हैं, जबकि पूर्व की तरफ नारियल का मुख रखने से धन का विनाश होता है। इसलिए नारियल की स्थापना सदैव इस प्रकार करनी चाहिए कि उसका मुख साधक की तरफ रहे। ध्यान रहे

कि नारियल का मुख उस सिरे पर होता है, जिस तरफ से वह पेड़ की टहनी से जुड़ा होता है।*

🙏🏻 *अब कलश को उठाकर जौ के पात्र में बीचो बीच रख दें। अब कलश में सभी देवी देवताओं का आवाहन करें। "हे सभी देवी देवता और माँ दुर्गा आप सभी नौ दिनों के लिए इसमें पधारें।" अब दीपक जलाकर कलश का पूजन करें। धूपबत्ती कलश को दिखाएं। कलश को माला अर्पित करें। कलश को फल मिठाई अर्पित करें। कलश को इत्र समर्पित करें।*

🌷 *कलश स्थापना के बाद माँ दुर्गा की चौकी स्थापित की जाती है।*

🙏🏻 *नवरात्रि के प्रथम दिन एक लकड़ी की चौकी की स्थापना करनी चाहिए। इसको गंगाजल से पवित्र करके इसके ऊपर सुन्दर लाल वस्त्र बिछाना चाहिए। इसको कलश के दायीं ओर रखना चाहिए। उसके बाद माँ भगवती की धातु की मूर्ति अथवा नवदुर्गा का फ्रेम किया हुआ फोटो स्थापित करना चाहिए। मूर्ति के अभाव में नवार्णमन्त्र युक्त यन्त्र को स्थापित करें। माँ दुर्गा को लाल चुनरी उड़ानी चाहिए। माँ दुर्गा से प्रार्थना करें "हे माँ दुर्गा आप नौ दिन के लिए इस चौकी में विराजिये।" उसके बाद सबसे पहले माँ को दीपक दिखाइए। उसके बाद धूप, फूलमाला, इत्र समर्पित करें। फल, मिठाई अर्पित करें।*

🙏🏻 *नवरात्रि में नौ दिन मां भगवती का व्रत रखने का तथा प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का विशेष महत्व है। हर एक मनोकामना पूरी हो जाती है। सभी कष्टों से छुटकारा दिलाता है।*

🙏🏻 *नवरात्रि के प्रथम दिन ही अखंड ज्योत जलाई जाती है जो नौ दिन तक जलती रहती है। दीपक के नीचे "चावल" रखने से माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है तथा "सप्तधान्य" रखने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते है*

🙏🏻 *माता की पूजा "लाल रंग के कम्बल" के आसन पर बैठकर करना उत्तम माना गया है*

🙏🏻 *नवरात्रि के प्रतिदिन माता रानी को फूलों का हार चढ़ाना चाहिए। प्रतिदिन घी का दीपक (माता के पूजन हेतु सोने, चाँदी, कांसे के दीपक का उपयोग उत्तम होता है) जलाकर माँ भगवती को मिष्ठान का भोग लगाना चाहिए। मान भगवती को इत्र/अत्तर विशेष प्रिय है।*

🙏🏻 *नवरात्रि के प्रतिदिन कंडे की धुनी जलाकर उसमें घी, हवन सामग्री, बताशा, लौंग का जोड़ा, पान, सुपारी, कर्पूर, गूगल, इलायची, किसमिस, कमलगट्टा जरूर अर्पित करना चाहिए।*

🙏🏻 *लक्ष्मी प्राप्ति के लिए नवरात्रि  में  पान और  गुलाब की ७ पंखुरियां रखें तथा मां भगवती को अर्पित कर दें*

🙏🏻 *मां दुर्गा को प्रतिदिन विशेष भोग लगाया जाता है। किस दिन किस चीज़ का भोग लगाना है ये हम विस्तार में आगे बताएँगे।*

🙏🏻 *प्रतिदिन कन्याओं का विशेष पूजन किया जाता है। श्रीमद्देवीभागवत पुराण के अनुसार एकैकां पूजयेत् कन्यामेकवृद्ध्या तथैव च। द्विगुणं त्रिगुणं वापि प्रत्येकं नवकन्तु वा॥अर्थात नित्य ही एक कुमारी का पूजन करें अथवा प्रतिदिन एक-एक-कुमारी की संख्या के वृद्धिक्रम से पूजन करें अथवा प्रतिदिन दुगुने-तिगुने के वृद्धिक्रम से और या तो प्रत्येक दिन नौ कुमारी कन्याओं का पूजन करें।*

🙏🏻 *यदि कोई व्यक्ति नवरात्रि  पर्यन्त प्रतिदिन पूजा करने में असमर्थ हैं तो उसे अष्टमी तिथि को विशेष रूप से अवश्य पूजा करनी चाहिए।  प्राचीन काल में दक्ष के यज्ञ का विध्वंश करने वाली महाभयानक भगवती भद्रकाली करोङों योगिनियों सहित अष्टमी तिथि को ही प्रकट हूं

             🌞 *~श्री बालाजी  पंचांग ~*

पंचक

7 अप्रैल दोपहर 3 बजे से 12 अप्रैल प्रात: 11.30 बजे तक

: 4 मई रात्रि 8.41 बजे से 9 मई सायं 5.30 बजे तक

: 1 जून रात्रि 3.57 बजे से 5 जून रात्रि 11.27 बजे तक

: 28 जून प्रात: 12.57 बजे से 3 जुलाई प्रात: 6.15 बजे तक

एकादशी

23 अप्रैल, शुक्रवार कामदा एकादशी

07 मई, शुक्रवार वरुथिनी एकादशी

23 मई, रविवार मोहिनी एकादशी

06 जून, रविवार अपरा एकादशी

21 जून, सोमवार निर्जला एकादशी

प्रदोष

 

24 अप्रैल: शनि प्रदोष

 

08 मई: शनि प्रदोष

 

24 मई: सोम प्रदोष व्रत

 

07 जून: सोम प्रदोष व्रत

 

22 जून: भौम प्रदोष

अमावस्या

वैशाख अमावस्या- मंगलवार, 11 मई 2021

 

ज्येष्ठ अमावस्या- बृहस्पतिवार, 10 जून 2021

पूर्णिमा

26 अप्रैल, सोमवार: चैत्र पूर्णिमा

 

26 मई, बुधवार: बुद्ध पूर्णिमा

 

मेष

आज का दिन आपके लिए उत्तम फलदायक रहेगा। रोजगार की दिशा में प्रयास कर रहे लोगों को आज रोजगार के उचित अवसर प्राप्त होंगे। आज आपको अपने आय और व्यय दोनों में संतुलन बना कर रखना होगा, नहीं तो भविष्य में आपको आर्थिक संकट परेशान कर सकता है। यदि आप किसी नई नौकरी के लिए प्रयास कर रहे हैं, तो वह आपको प्राप्त हो सकती है। यदि आज आपको कोई निर्णय लेना पड़े, तो जल्दबाजी में ना लें, नहीं तो इसमें आपको नुकसान हो सकता है। प्रेम जीवन में बिता रहे लोग आज अपने जीवनसाथी को अपने परिवार के सदस्यों से मिलवा सकते हैं।

दीपक पचाग एडमिन, [11.04.21 22:44]

पुण्य लाभ के लिए इस पंचांग को औरों को भी अवश्य भेजें

98976 07275

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

⛅️ *दिनांक 12 अप्रैल 2021*

⛅️ *दिन - सोमवार*

⛅️ *विक्रम संवत - 2077*

⛅️ *शक संवत - 1942*

⛅️ *अयन - उत्तरायण*

⛅️ *ऋतु - वसंत*

⛅️ *मास - चैत्र (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - फाल्गुन)*

⛅️ *पक्ष - कृष्ण*

⛅️ *तिथि - अमावस्या सुबह 08:01 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*

⛅️ *नक्षत्र - रेवती सुबह 11:30 तक तत्पश्चात अश्विनी*

⛅️ *योग - वैधृति दोपहर 02:28 तक तत्पश्चात विष्कम्भ*

⛅️ *राहुकाल - सुबह 07:57 से सुबह 09:31 तक*

⛅️ *सूर्योदय - 06:23*

⛅️ *सूर्यास्त - 18:55*

(सूर्योदय और सूर्यास्त के समय में जिलेवार अंतर संभव है)

⛅️ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*

⛅️ *व्रत पर्व विवरण - सोमवती अमावस्या (सूर्योदय से सुबह 08:01 तक), हरिद्वार कुंभ दूसरा शाही स्नान*

 💥 *विशेष - अमावस्या के दिन ब्रह्मचर्य पालन करें तथा तिल का तेल खानाऔर लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

               🌞 *~ श्री बालाजी पंचांग ~* 🌞

 

🌷 *नवरात्रि पूजन विधि* 🌷

*13 अप्रैल 2021 मंगलवार से नवरात्रि प्रारंभ ।*

🙏🏻 *नवरात्रि के प्रत्येक दिन माँ भगवती के एक स्वरुप श्री शैलपुत्री, श्री ब्रह्मचारिणी, श्री चंद्रघंटा, श्री कुष्मांडा, श्री स्कंदमाता, श्री कात्यायनी, श्री कालरात्रि, श्री महागौरी, श्री सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। यह क्रम चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को प्रातःकाल  शुरू होता है। प्रतिदिन जल्दी स्नान करके माँ भगवती का ध्यान तथा पूजन करना चाहिए। सर्वप्रथम कलश स्थापना की जाती है।*

*कलश / घट स्थापना विधि*

🌷 *घट स्थापना शुभ मुहूर्त

*13 अप्रैल 2021 मंगलवार को सुबह  06:21 से 10:16 तक*

*अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:14 से दोपहर 01:04 तक*

🙏🏻 *देवी पुराण के अनुसार मां भगवती की पूजा-अर्चना करते समय सर्वप्रथम कलश / घट की स्थापना की जाती है। घट स्थापना करना अर्थात नवरात्रि की कालावधि में ब्रह्मांड में कार्यरत शक्ति तत्त्व का घट में आवाहन कर उसे कार्यरत करना । कार्यरत शक्ति तत्त्व के कारण वास्तु में विद्यमान कष्टदायक तरंगें समूल नष्ट हो जाती है। धर्मशास्त्रों के अनुसार कलश को सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है। कलश के मुख में विष्णुजी का निवास, कंठ में रुद्र तथा मूल में ब्रह्मा स्थित हैं और कलश के मध्य में दैवीय मातृशक्तियां निवास करती हैं।*

🌷 *सामग्री:*

👉🏻 *जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्र*

👉🏻 *जौ बोने के लिए शुद्ध साफ़ की हुई मिटटी*

👉🏻 *पात्र में बोने के लिए जौ*

👉🏻 *घट स्थापना के लिए मिट्टी का कलश (हैमो वा राजतस्ताम्रो मृण्मयो वापि ह्यव्रणःअर्थात 'कलश' सोने, चांदी, तांबे या मिट्टी का छेद रहित और सुदृढ़ उत्तम माना गया है । वह मङ्गलकार्योंमें मङ्गलकारी होता है )*

👉🏻 *कलश में भरने के लिए शुद्ध जल, गंगाजल*

👉🏻 *मौली (Sacred Thread)*

👉🏻 *इत्र*

👉🏻 *साबुत सुपारी*

👉🏻 *दूर्वा*

👉🏻 *कलश में रखने के लिए कुछ सिक्के*

👉🏻 *पंचरत्न*

👉🏻 *अशोक या आम के 5 पत्ते*

👉🏻 *कलश ढकने के लिए ढक्कन*

👉🏻 *ढक्कन में रखने के लिए बिना टूटे चावल*

👉🏻 *पानी वाला नारियल*

👉🏻 *नारियल पर लपेटने के लिए लाल कपडा*

👉🏻 *फूल माला*

🌷 *विधि*

🙏🏻 *सबसे पहले जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्र लें। इस पात्र में मिट्टी की एक परत बिछाएं। अब एक परत जौ की बिछाएं। इसके ऊपर फिर मिट्टी की एक परत बिछाएं। अब फिर एक परत जौ की बिछाएं। जौ के बीच चारों तरफ बिछाएं ताकि जौ कलश के नीचे न दबे। इसके ऊपर फिर मिट्टी की एक परत बिछाएं। अब कलश के कंठ पर मौली बाँध दें। कलश के ऊपर रोली से ॐ और स्वास्तिक लिखें। अब कलश में शुद्ध जल, गंगाजल कंठ तक भर दें। कलश में साबुत सुपारी, दूर्वा, फूल डालें। कलश में थोडा सा इत्र डाल दें। कलश में पंचरत्न डालें। कलश में कुछ सिक्के रख दें। कलश में अशोक या आम के पांच पत्ते रख दें। अब कलश का मुख ढक्कन से बंद कर दें। ढक्कन में चावल भर दें। श्रीमद्देवीभागवत पुराण के अनुसार पञ्चपल्लवसंयुक्तं वेदमन्त्रैः सुसंस्कृतम्। सुतीर्थजलसम्पूर्णं हेमरत्नैः समन्वितम्॥अर्थात कलश पंचपल्लवयुक्त, वैदिक मन्त्रों से भली भाँति संस्कृत, उत्तम तीर्थ के जल से पूर्ण और सुवर्ण तथा पंचरत्न मई होना चाहिए।*

🙏🏻 *नारियल पर लाल कपडा लपेट कर मौली लपेट दें। अब नारियल को कलश पर रखें। शास्त्रों में उल्लेख मिलता है: अधोमुखं शत्रु विवर्धनाय,ऊर्ध्वस्य वस्त्रं बहुरोग वृध्यै। प्राचीमुखं वित विनाशनाय,तस्तमात् शुभं संमुख्यं नारीकेलं। अर्थात् नारियल का मुख नीचे की तरफ रखने से शत्रु में वृद्धि होती है।नारियल का मुख ऊपर की तरफ रखने से रोग बढ़ते हैं, जबकि पूर्व की तरफ नारियल का मुख रखने से धन का विनाश होता है। इसलिए नारियल की स्थापना सदैव इस प्रकार करनी चाहिए कि उसका मुख साधक की तरफ रहे। ध्यान रहे

 

वृष

आज का दिन आपके लिए मिलाजुला रहेगा। अपने व्यापार के लिए कोई नई योजना बना रहे हैं, तो वह आज पूरी होकर कार्यरत हो सकती है, जिससे आपको और आपके व्यवसाय को लाभ मिलेगा। आज कोई पुराना मित्र आपके लिए मददगार साबित हो सकता है, लेकिन इन सबके बीच आपको सलाह है कि आप अपनी सेहत के प्रति सचेत रहें, यदि कोई कष्ट होता है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें अन्यथा आपको बेवजह की दिक्कतें झेलनी पड़ सकती हैं। संतान आपके पारिवारिक बिजनेस में आज आपकी मदद कर सकती है। जीवनसाथी का भरपूर सहयोग मिलेगा

मिथुन

आज का दिन आपके लिए मिश्रित फलदायक रहेगा। आर्थिक दिशा में किए गए प्रयासों में सफलता प्राप्त होगी। आज आपको अपने कार्यालय में अपने साथी कर्मचारियों से कुछ तनाव मिल सकता है, लेकिन परेशान ना हो, छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज करना सीखें। आज आपको अपनों का भरपूर सहयोग मिलेगा। यदि आज आप कोई संपत्ति खरीदना चाहते हैं, तो उसके लिए भी दिन उत्तम रहेगा। विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्ति में धन की कमी हो सकती है। ससुराल पक्ष के किसी व्यक्ति से आज कोई वाद विवाद हो सकता है।

कर्क

आज का दिन आपके व्यवसाय के लिए कुछ चुनौती पूर्ण रहेगा। आज आपको अपने कार्यालय में अपने भाई की सलाह की आवश्यकता होगी और अपने वाणी की सौम्यता से ही आज आप अपने व्यवसाय की योजनाओं को फैला सकते हैं। आज आपको मामा पक्ष से धन लाभ होता दिख रहा है। यदि आपके लंबे समय से कुछ कार्य से रुके हुए थे, तो उनको आपको पूरा करना ही होगा। जीवनसाथी के लिए आज आप कोई उपहार खरीद सकते हैं और सायंकाल के समय उन्हें कहीं घुमाने फिराने लेकर जा सकते हैं।

सिंह

आज का दिन आपके लिए उत्तम फलदायक रहेगा। अकस्मात आज किसी पुराने मित्र को लेकर आपको व्यर्थ की उलझन हो सकती है। अगर आज कहीं दूर की यात्रा का प्लान कर रहे हैं, तो आपके प्रयास सफल होंगे। आज आपको कार्य क्षेत्र में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। दांपत्य जीवन में आज एक दूसरे के प्रति प्रेम विश्वास अधिक सुदृढ़ होगा। सायं काल के समय आज आपको अपने पिताजी की सेहत के प्रति सचेत रहना होगा। भाई बहनों से संबंधों में मधुरता आएगी। आस पड़ोस में यदि कोई वाद-विवाद होता है, तो उससे बचना ही बेहतर होगा।

कन्या

आज का दिन आपके लिए मिश्रित फलदायक रहेगा। व्यावसायिक प्रतिष्ठा का भी आज आपको लाभ मिलता दिख रहा है। वही आज आपके शत्रुओं की संख्या में भी इजाफा हो सकता है। आज आय के नए स्रोत बनते दिख रहे हैं, लेकिन आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना होगा अन्यथा बेवजह का मानसिक तनाव बढ़ सकता है। राजनीति की दिशा में प्रयास कर रहे लोगों के लिए भी आज का दिन शुभ रहेगा। कार्यक्षेत्र में कुछ अधिकारियों का पूरा सहयोग मिलेगा। संतान को अच्छे कार्य करते देख मन में प्रसन्नता रहेगी।

तुला

आज का दिन धन के मामले में उत्तम रहेगा। आज आपके कार्यक्षेत्र में बदलाव के लिए किए जा रहे प्रयासों में भी आज सफलता मिलेगी। संतान से संबंधित आपको सुखद समाचार आज आपको प्राप्त हो सकता है। सायंकाल के समय आपकी किसी पुराने मित्र से मुलाकात हो सकती है, जिससे मन मे प्रसन्नता रहेगी। आज आपके विरोधी प्रबल रहेंगे, लेकिन चाह कर भी आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे, इसलिए परेशान ना हो। आज आपको कोई प्रिय वस्तु उपहार के रूप में हो सकती हैं। व्यापारियों का आज नगर धन की कमी का सामना करना पड़ता है।

वृश्चिक

आज का दिन आपके लिए उत्तम फलदायक रहेगा। आज आप का मनोबल बढ़ा दिखेगा क्योंकि आपके परिवार में आज कोई शुभ मांगलिक कार्यक्रम हो सकता है, जिस पर आप धन व्यय भी करेंगे। किसी रुकी हुई व्यवसायिक योजना को भी आज बल मिलेगा। ससुराल पक्ष से भी आज आपको  सम्मान मिलता दिख रहा है। यदि आपका निवेश संबंधी कारोबार है, तो आज आपको कुछ व्यर्थ की भागदौड़ करनी पड़ सकती है। संतान के विवाह संबंधी निर्णय यदि आज लेना पड़े, तो जल्दबाजी में ना लें। सायं काल का समय आज आप अपने माता-पिता को तीर्थ स्थान के दर्शन के लिए लेकर जा सकते हैं।

धनु

आज का दिन आपके लिए मिलाजुला रहेगा। विद्यार्थियों के लिए शिक्षा प्रतियोगिता में चल रहे प्रयासों में कड़ी मेहनत की आवश्यकता है। यदि आपके परिवार में कोई विवाद चल रहा है, तो वह आज फिर से सिर उठा सकता है, लेकिन आपको अपने माता-पिता की सलाह से इसको समाप्त करना होगा, नहीं तो रिश्तो में दरार पड़ सकती है। नौकरी में आज कुछ साथी कर्मचारी आपके लिए कोई पार्टी रख सकते हैं। आप अपनी व्यवसाय की गति को तेज करने के करने के लिए किसी वरिष्ठ अधिकारी से सलाह मशवरा करेंगे, जिन की सलाह के लिए उत्तम रहेगी।

 

मकर

आज का दिन आपके लिए कला और साहित्य के क्षेत्र में चल रहे प्रयासों में सफलता के लिए होगा। दोपहर के समय आज आपको व्यापार से संबंधित कोई सूचना प्राप्त हो सकती है, जिसके लिए आपको कुछ यात्रा भी करनी पड़ सकती है। आज साझेदारी की मदद से आपके कोई रुकी हुई डील फाइनल हो सकती है, जो आपके व्यवसाय को भविष्य में चरम पर पहुंच जाएगी। यदि आज आप किसी से पैसे का लेनदेन करने की सोच रहे हैं, तो उसमें सावधानी बरतें। ससुराल पक्ष से चली रही आ रही समस्या आज जीवनसाथी के सहयोग से समाप्त होगी।

कुंभ

आज का दिन आपके लिए मिश्रित परिणाम लेकर आएगा। आज आप संतान के दायित्व की पूर्ति कर सकते हैं, यदि आप कला संबंधी कार्य करते है, तो आज आपको भागदौड़ अधिक रहेंगी और जिससे आप शाम के समय थकान महसूस करेंगे। किसी की मदद से आज आपको अचानक से धन लाभ हो सकता है, लेकिन आपको अपनी आय और व्यय दोनों में संतुलन बना कर चलना होगा। परिवार के छोटे बच्चे आज आपसे कुछ फरमाइशें कर सकते हैं। नौकरी और व्यवसाय में आज कोई वाद विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है, तो आपको अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना होगा।

मीन

आज का दिन आपके लिए मिलाजुला रहेगा। आज आपको आय के नए नए स्रोत प्राप्त होंगे। यदि आप कहीं पार्ट टाइम काम करने की सोच रहे हैं, तो उसके लिए भी आप समय निकालने में कामयाब रहेंगे। बड़े बुजुर्गों की मदद से आज आपको संपत्ति में लाभ मिलता दिख रहा है और आप अपने व्यापार के लिए कुछ एक यात्रा भी कर सकते हैं, लेकिन पिताजी को आज आंखों का कोई कष्ट परेशान कर सकता है, इसलिए सावधान रहें, भाई बहन के विवाह का प्रस्ताव आज प्रबल हो सकता है। संतान को सामाजिक कार्य करते देख मन में हर्ष की भावना रहेगी।

 जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई

अंक ज्योतिष के अनुसार आपका मूलांक तीन आता है। यह बृहस्पति का प्रतिनिधि अंक है। ऐसे व्यक्ति निष्कपट, दयालु एवं उच्च तार्किक क्षमता वाले होते हैं। अनुशासनप्रिय होने के कारण कभी-कभी आप तानाशाह भी बन जाते हैं। आप दार्शनिक स्वभाव के होने के बावजूद एक विशेष प्रकार की स्फूर्ति रखते हैं। आपकी शिक्षा के क्षेत्र में पकड़ मजबूत होगी। आप एक सामाजिक प्राणी हैं। आप सदैव परिपूर्णता या कहें कि परफेक्शन की तलाश में रहते हैं यही वजह है कि अकसर अव्यवस्थाओं के कारण तनाव में रहते हैं।

 शुभ दिनांक : 3, 12, 21, 30

 शुभ अंक : 1, 3, 6, 7, 9

 शुभ वर्ष :  2028, 2030, 2031, 2034, 2043, 2049, 2052

 ईष्टदेव : देवी सरस्वती, देवगुरु बृहस्पति, भगवान विष्णु

 शुभ रंग : पीला, सुनहरा और गुलाबी

 कैसा रहेगा यह वर्ष

यह वर्ष आपके लिए अत्यंत सुखद है। किसी विशेष परीक्षा में सफलता मिल सकती है। नौकरीपेशा के लिए प्रतिभा के बल पर उत्तम सफलता का है। नवीन व्यापार की योजना भी बन सकती है। दांपत्य जीवन में सुखद स्थिति रहेगी। घर या परिवार में शुभ कार्य होंगे। मित्र वर्ग का सहयोग सुखद रहेगा। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे। महत्वपूर्ण कार्य से यात्रा के योग भी है।

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