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Wednesday 19 April 2023

साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगने जा रहा है



 ⚫    सूर्य ग्रहण    ⚫ 

  20 अप्रैल 2023 गुरुवार 

साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगने जा रहा है।  सनातन पंचांग के अनुसार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को साल का पहला ग्रहण लगेगा। हर वर्ष सूर्य और चंद्र ग्रहण लगते हैं जिसे विज्ञान में इस खगोलीय घटना माना जाता है जबकि ज्योतिष शास्त्र में इस खगोलीय घटना का विशेष महत्व होता है। 20 अप्रैल को लगने वाला यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, जिस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। हालांकि इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव हर एक राशि के जातकों के जीवन पर अवश्य ही पड़ेगा। 20 अप्रैल को लगने वाले इस सूर्य ग्रहण को वैज्ञानिक हाइब्रिड सूर्य ग्रहण का नाम दे रहे हैं। 

▪️सूर्य ग्रहण का समय-: 

 ग्रहण की शुरुआत 20 अप्रैल 2023 को सुबह 7 बजकर 04 मिनट से होगी। यह सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर खत्म हो जाएगा। इस तरह से ग्रहण 5 घंटे 24 मिनट तक रहेगा। इस सूर्य ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा जबकि दुनिया के बाकी हिस्सों में इसे आसानी से देखा जा सकेगा। 

▪️कैसा होगा सूर्य ग्रहण-: 

साल का पहला सूर्य ग्रहण 3 तरह का दिखाई देगा जिसमें यह आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार के रूप में होगा। इस तरह से साल 2023 का यह पहला सूर्य ग्रहण हाइब्रिड सूर्य ग्रहण होगा क्योंकि जब सूर्य ग्रहण आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार रूप में हो तो इसे हाईब्रिड सूर्य कहते हैं। आंशिक सूर्य ग्रहण की घटना के दौरान चंद्रमा सूर्य के छोटे से हिस्से को ढक पाता है। वहीं पूर्ण सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा तीनों ही एक ही सीध में होते हैं। ऐसे में धरती के एक हिस्से में कुछ देर के लिए पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है। इसके अलावा कुंडलाकार सूर्य ग्रहण होता है जब ग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य के बीचों-बीच आ जाता है फिर सूर्य एक चमकदार रिंग की तरह दिखाई देने लगता है। इस तरह के सूर्य ग्रहण को रिंग ऑफ फायर कहा जाता है। 

▪️सूर्य ग्रहण का प्रभाव-: 

भारत में इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। जिस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है। सूर्य ग्रहण के लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है जिस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य, पूजा और खाना इत्यादि नहीं बनाया जाता है।

▪️ग्रहण के दुष्परिणाम-: 

सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण जैसी घटनाओं का प्रभाव पृथ्वी पर अच्छा नहीं माना जाता। अतः इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव भी पृथ्वी पर ठीक नहीं रहेगा। सूर्य ग्रहण के दुष्परिणाम पृथ्वी पर पड़ेंगे जैसे-महामारी, आगजनी, युद्ध, प्राकृतिक आपदाएं, सुनामी, भूकंप इत्यादि।

यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा और भारत में सूर्य ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं रहेगा। अतः ग्रहण के किसी भी तरह के नियम पालन की कोई आवश्यकता नहीं रहेगी।।

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