बीमारी का बगैर दवाई भी इलाज़ है,मगर मौत का कोई इलाज़ नहीं दुनियावी हिसाब किताब है कोई दावा ए खुदाई नहीं लाल किताब है ज्योतिष निराली जो किस्मत सोई को जगा देती है फरमान दे के पक्का आखरी दो लफ्ज़ में जेहमत हटा देती है

Tuesday 30 May 2023

आखिर कुंडली मिलान का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक रहस्य क्या है ? कैसे 1 गुण न मिलने पर विवाह टूट जाता है ?



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क्या होते हैं 36 गुण ? 

पहला गुण वर्ण मिलान - ज्योतिष को वेदों का नेत्र बोला जाता है । इसलिए वेद और ज्योतिष के अनुसार वैदिक संस्कृति में 4 वर्ण होते है । 

ब्राह्मण वर्ण 

क्षत्री वर्ण 

वैश्य वर्ण 

शूद्र वर्ण

इन वर्णो का ज्योतिषीय व वैज्ञानिक रहस्य होता है । राशियों और ग्रहों के अनुसार हमारा मस्तिष्क सोचता है और राशियों के स्वामी ग्रह की किरणें  हमारे मस्तिष्क को चलाती हैं । जैसा राशि और ग्रह का स्वभाव होता है वैसा ही हमारे वर्ण का स्वभाव होता है । इसका जाति से कोई संबंध नहीं होता है । ये वर्ण जीवन की उत्पत्ति के साथ ही शुरू से आते हैं । 

कर्क , वृश्चिक और मीन राशि में पैदा होने वाले जातक ब्राह्मण वर्ण के होते हैं । जिसके कारण इन लोगों में ज्ञान की मात्रा ज्यादा होती है । ये किसी भी जाति व धर्म में पैदा हों चाहे मुसलमान हों या ईसाई इनमें ज्ञान की मात्रा ज्यादा होती है । 



मेष , सिंह और धनु राशि वालों में क्षत्रीय गुण ज्यादा होते हैं । इनमें लड़ने की क्षमता ज्यादा होती है । ये चाहे ब्राह्मण कुल में जन्म लें फिर भी लड़ने की क्षमता ज्यादा होती है । 

वृष , कन्या और मकर राशि वाले व्यापारी किस्म के दिमाग वाले वैश्य गुण वाले होते हैं । 

मिथुन , तुला और कुम्भ राशि वाले शूद्र वर्ण में आते हैं । इन लोगों का दिमाग छोटे और निम्न वर्ग के कामों में ज्यादा रुझान रहता है । ऐसे लोग मेहनत करने वाले कार्यों में ज्यादा रुचि रखतें है । ऐसा बड़ा अधिकारी या मंत्री होने पर भी घर के कार्य खुद ही करना पसंद करते हैं । 


कुंडली मिलाते  समय अगर लड़के का वर्ण ब्राह्मण है और लड़की का भी ब्राह्मण है तो दोनों का नेटवर्क एक जैसा हो जाता है और तालमेल अच्छा रहता है । दोनों ज्ञानी होंगे । अगर एक का नेटवर्क ब्राह्मण हो और दूसरे का क्षत्री हो दोनों में लड़ाई होना स्वाभाविक हो जाता है । 

अगर लड़के का वर्ण ब्राह्मण और लड़की का वैश्य वर्ण है तो लड़के में ज्ञान रहेगा तथा लड़की का दिमाग व्यापार में ज्यादा चलेगा । जिसके कारण तालमेल नहीं रहता है । लड़की अपने केरियर पर ज्यादा ध्यान  देती है । जिसके कारण घर में विवाद हो जाता है । 

इसी प्रकार लड़के का वर्ण ब्राह्मण और लड़की का शूद्र है तो लड़की में निम्न श्रेणी के काम करने की आदत होती है । जैसे बिना स्नान किये किचन का काम करना या बिना कुल्ला किये चाय बिस्किट कहा लेना ।  जिसके कारण दोनों के दिमाग के नेटवर्क में भिन्नता आ जाती है । और तालमेल भी भिन्न-भिन्न हो जाता है । लड़का धार्मिक विचारों का होता है और लड़की व्यसनशील होती है । 

 में कहा गया है कि अगर लड़की का वर्ण शूद्र हो जाये तो इंद्र देवता की कन्या ही क्यों न हो उसका भी विवाह टूट जाता है । इस वर्ण का 1 पॉइंट होता है । यह एक पॉइंट ही ज़िंदगी को तबाह कर देता है । इसलिए कुंडली मिलाते समय यह अवश्य देख लेना चाहिए कि अष्टकूट मिलान में वर्ण का मिलान स्वभाव और आदतों का मिलान होता है । 

इस एक गुण के न मिलने पर स्वभाव भिन्न-भिन्न होने से शादी टूट जाती है । जब हम पूछते हैं कि शादी क्यों टूटी तो पता चलता है लड़का म्लेच्छ रहता है । कुल्ला नहीं करता है मुँह से बदबू आती रहती है । इसलिए मैं उसके साथ नहीं रह सकती हूं । बहुत से लोग कुंडली मिलान का मज़ाक उड़ाते हैं लेकिन उनका मिलान होने पर पता चलता है कि उनकी पत्नी तो शराब ही बहुत पीती है और बहुत दुखी है । इसलिए शादी से पहले कुंडली अवश्य मिलानी चाहिए । बाकी सभी गुणों की जानकारी देने की कोशिश करूंगा । 

लक्षमण सिंह ( ज्योतिष आचार्य )

LAL Kitab Anmol

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