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सबसे पहला चंद्र मन का कारक है जिसकी भी कुंडली में चंद्र निर्बल या या कमजोर होता है वह मन से कमजोर होते हैं छोटी-छोटी बातों में चीड़ जाना नाराज हो जाना भड़क जाना यह चंद्र के लक्षण है
🌛। पहेले हम ये जानते है चन्द्रमा कमजोर कब होता है चन्द्रमा लगनाधिपथी सुखादीपति कर्माधिपति भाग्यअधिपति बनके नीच राशि में हो अस्त का हो बाल्यावस्था में हो पाप ग्रहों से दृष्ट हो पाप ग्रहों से पीड़ित हो पाप ग्रह जैसे शनि राहु जैसे पाप ग्रहों से दृष्ट हो शनि राहु केतु जैसे ग्रहों के साथ ही युति बना कर बैठा हो तब चंद्रमा कमजोर माना जाता है
🌙. चंद्र कमजोर होता है तो जातक मन को बैलेंस बनाकर नहीं रख पाता बहुत बुद्धिमान गुणवान होने के बावजूद भी वह अपने काम में कंसंट्रेट नहीं कर पाते क्योंकि उनका मन स्थिर नहीं रहता है भटकता रहता है इधर उधर
🌛..चंद्र जब कमजोर हो तो जातक हमेशा कुछ ना कुछ सोचता रहता है निर्णय शक्ति जातक कमजोर होता है वह सोचता कुछ है करता कुछ है काफी बार गलत निर्णय के कारण काम में बाधा भी होने लग जाता है
🌙 चंद्र मन को कमजोर करता है मन को शांत रहने नहीं देता अगर कुंडली में कमजोर हो चंद्र तो काफी बार माता का सेहत भी ठीक नहीं रहता दिमाग में गलत विचार आते हैं गलत ख्याल आते हैं किसी के प्रति गलत ख्याल जल्दी आ जाते हैं आत्महत्या के विचार आते हैं
🌙 . जैसे मान लो आपके पास हर प्रकार का सुख है लेकिन वह सुख का आपको एहसास ना हो हर सुख होते हुए भी जातक बोले कि नहीं मेरे पास कुछ नहीं है तो वह चंद्रमा कमजोर होने का लक्षण होता है क्यों क्योंकि सुख का मालिक चंद्रमा होता है
🌙.. इस संसार में धरती में और इंसान में भी 70% पानी है अगर चंद्र कम कमजोर हो तो जातक को खांसी जुखाम सर्दी लगा रहता है पागलपन मिर्गी दौड़े यह सब भी देता है
🌙 चंद्र कमजोर हो तो पाचन क्रिया को भी प्रभावित करता है इसीलिए ऐसे लोगों को बाहर का जंक फूड नहीं खाना चाहिए नहीं तो पेट से रिलेटेड बीमारी हो सकता है
🌙 जब चंद्र कमजोर हो तो जातक बुरी बुरी आदतों का भी जल्दी शिकार हो जाता है जैसे बीड़ी सिगरेट गांजा जा दारू यह सब उन्हें पता होता है कि यह गलत है लेकिन वह तभी भी नहीं छोड़ पाते क्योंकि मन से कमजोर होते हैं
🌛.. उपाय
🌹 ।। सबसे पहला उपाय चंद्र माता का कारक होता है तो मां का पांव छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए
माता की सेवा करना चाहिए, माता के पैरों में तेल मालिश अवश्य करें
🙏दूसरा उपाय चंद्र शिवजी के माथे पर पर विराजमान है
इसीलिए शिवजी का आराधना करना चाहिए उनको जल् दूध से अभिषेक करना चाहिए जितना हो सके शिवजी का आराधना करना चाहिए
पूर्णिमा का व्रत करना चाहिए
आपके जीवन में कोई भी समस्या हो और आप अपनी जन्म कुंडली का फलादेश कराना चाहते हैं तो संपर्क कर सकते हैं
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