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Friday 18 August 2023

मंगल का कन्या राशि में गोचर

अंतर्गत लेख:


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                               ज्योतिषी- ग्रह- नक्षत्र


                             18 अगस्त 2023 शुक्रवार   समय-: दोपहर 3:14 पर

 


🔴मंगल ग्रह के गोचर का समय-:

आज साहस और ऊर्जा के कारक ग्रह मंगल 18 अगस्त 2023 की दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर कन्या राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं।।

ज्योतिष में मंगल ग्रह का विशेष स्थान प्राप्त है, मंगल को सभी ग्रहों का सेनापति कहा जाता है, मंगल को ऊर्जा- भाई- भूमि- शक्ति- साहस- पराक्रम- शौर्य का कारक ग्रह कहा जाता है।

मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक राशि का स्वामित्व प्राप्त है यह मकर राशि में उच्च का और कर्क राशि में नीच का होता है।

मंगल ग्रह का 18 अगस्त को राशि परिवर्तन होने जा रहा है और यह राशि परिवर्तन सभी 12 राशियों को प्रभावित करेगा, कुछ राशि वालों के लिए शुभ होगा, तो कुछ राशि वालों के लिए अशुभ फलों की प्राप्ति होगी।

वैदिक ज्योतिष में लाल ग्रह मंगल को भूमि पुत्रके रूप में जाना जाता है। मंगलशब्द का अर्थ होता है शुभ। सनातन धर्म में मंगल ग्रह का संबंध देश के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न देवी-देवताओं से संबंधित बताया गया है। जैसे दक्षिण भारत में मंगल देव को भगवान कार्तिकेय (मुरुगन) के साथ जोड़कर देखा जाता है। जबकि उत्तर भारत में भगवान हनुमान के साथ इनका संबंध बताया गया है। इसके अलावा महाराष्ट्र में मंगल को भगवान गणेश के साथ जोड़ा जाता है।

सभी ग्रहों में से मंगल और सूर्य हमारे शरीर के सभी अग्नि तत्वों को नियंत्रित करते हैं। इसे जीवन शक्ति, शारीरिक ऊर्जा, सहनशक्ति, समर्पण, इच्छाशक्ति, कुछ करने की प्रेरणा और किसी भी कार्य को पूर्ण करने की ऊर्जा आदि का कारक प्राप्त होता है। जिस जातक की कुंडली में मंगल का प्रभाव अधिक होता है वो लोग साहसी, आवेगी और सीधे आगे बढ़ना पसंद करते हैं।

मंगल को भूमि, वास्तविक अवस्था, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग का कारक भी माना जाता है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि मंगल ग्रह हमारे जीवन में विशेष महत्व है।

मंगल का कन्या राशि में गोचर-:

अब बात करते हैं कन्या राशि के बारे में। राशि चक्र की छठी राशि कन्या है। यह पृथ्वी तत्व की राशि है और प्रकृति में दोहरी और स्त्री राशि है। कन्या राशि कुंवारी और अविवाहित लड़की का प्रतिनिधित्व करती है। ये स्वभाव में परिपूर्णतावादी (परफ़ेक्शनिस्ट) और थोड़े आलोचक होते हैं। यह संघर्ष और लड़ाई का प्रतीक भी है। काल पुरुष कुंडली के छठे भाव में मंगल आरामदायक स्थिति में मौजूद होते हैं लेकिन फिर भी कई लोगों के लिए समस्या खड़ी कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए जातक की कुंडली में मंगल की स्थिति एवं दशा का विश्लेषण करना ज़रूरी हो जाता है।।

 मंगल के गोचर का सभी राशियों पर इस प्रकार प्रभाव रहेगा-:

मेष राशि -:

मेष राशि वालों के लिए मंगल लग्न और आठवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके छठे भाव यानी शत्रु, स्वास्थ्य, प्रतियोगिता के भाव में होगा।

 छठे भाव में मंगल की मौजूदगी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। आत्मविश्वास बढ़ेगा संतान की ओर से सुखद समाचार मिलेंगे। कारोबार में भी स्थिति मजबूत होगी। आपके शत्रु परास्त होंगे। प्रतियोगिता में सफलता का योग भी बनता। यदि कोई मुकदमा है तो उसमें आप भारी पड़ेंगे, कानूनी फैसले आपके पक्ष में आने की संभावना है।

मंगल आपके छठे भाव से नौवें भाव, बारहवें भाव और लग्न पर दृष्टि डाल रहे हैं, जिसका परिणाम स्वरूप आपके पिता के स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। इस दौरान कार्य क्षेत्र में भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं, काम के सिलसिले में आपको लंबी यात्राएं करनी पड़ सकती है। यदि आपने विदेश जाने की तैयारी कर रखी है तो यह मंगल आपके विदेश जाने का भी योग बना रहा है।

मेष राशि वालों के लिए मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके खर्चों में वृद्धि कर सकता है और स्वभाव को आक्रामक/गुस्सैल भी बना सकता है। फालतू के खर्चे व विवाद से बचें।।

उपाय-: मेष राशि वाले जातक उपाय के तौर पर श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें, हनुमान जी के लाल पुष्प चढ़ाएं, मंगलवार के दिन हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करें।।

(इस तरह मंगल ग्रह का राशि परिवर्तन सभी 12 राशियों पर अलग-अलग प्रभाव डालेगा।)

ध्यान रहे यह फलादेश केवल मंगल ग्रह के अनुसार है इस फलादेश में अन्य ग्रहों के प्रभाव से अंतर पड़ सकता है।

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