बीमारी का बगैर दवाई भी इलाज़ है,मगर मौत का कोई इलाज़ नहीं दुनियावी हिसाब किताब है कोई दावा ए खुदाई नहीं लाल किताब है ज्योतिष निराली जो किस्मत सोई को जगा देती है फरमान दे के पक्का आखरी दो लफ्ज़ में जेहमत हटा देती है

Wednesday 23 January 2013

मनुष्य के रंग से जानें चरित्र

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सामुद्रिक शास्त्र के विद्वानों के अनुसार शरीर के रंग के आधार पर भी स्वभाव के बारे में जाना जा सकता है।   शरीर की प्रकृति, बनावट के आधार पर उसके स्वभाव चरित्र के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। इस विद्या को सामुद्रिक शास्त्र या शरीर लक्षण विज्ञान भी कहते हैं। स्थान, प्रकृति तथा अनुवांशिकता के अनुसार मनुष्य का शरीर मुख्य रूप से तीन रंगों का होता है जिन्हें  साधारण बोलचाल की भाषा में गोरा, गेहुंआ(सांवला) काला कहते हैं। इनके आधार पर  मनुष्य के स्वभाव का आंकलन कर सकते हैं।
गौर वर्ण-इस रंग में मुख्य रूप से दो भेद होते हैं हैं। प्रथम में लाल एवं सफेद रंग का मिश्रण होता है जिसे हम गुलाबी कहते हैं। ऐसे जातक मृदु स्वभाव, बुद्धिमान, साधारण परिश्रमी, रजोगुणी एवं अध्ययन तथा  प्रेमी होते हैं। ऐसे जातक दिखने में सुंदर तथा आकर्षक होते हैं तथा सभी को आकर्षित करने में सक्षम होते हैं।
दूसरे भेद में लाल पीले रंग का मिश्रण होता है ऐसे जातक परिश्रमी, धैर्यवान, सौम्य, गंभीर, रजोगुणी, भोगी, समृद्ध एवं व्यवहार कुशल होते हैं। देखने में आता है कि ऐसे जातक बीमार रहते हैं तथा इन्हें रक्त संबंधी बीमारी अधिक होती है। मान्यता है कि सफेद या पीले रंग से संयुक्त लाल रंग के नाखूनवाली स्त्री धन-धान्य से युक्त, उदार एवं सौभाग्यवती होती है।    
LAL Kitab Anmol

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