बीमारी का बगैर दवाई भी इलाज़ है,मगर मौत का कोई इलाज़ नहीं दुनियावी हिसाब किताब है कोई दावा ए खुदाई नहीं लाल किताब है ज्योतिष निराली जो किस्मत सोई को जगा देती है फरमान दे के पक्का आखरी दो लफ्ज़ में जेहमत हटा देती है

Saturday 17 August 2019

एक्यूप्रेशर (मर्म चिकित्सा) क्या है



LkA 17/8/2019

एक्यूप्रेशर से रोगों का इलाज 
एक्यूप्रेशर (मर्म चिकित्सा) क्या है ? 
एक्यूप्रेशर प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है, जिसे मर्म चिकित्सा के नाम से भी जाना जाता है। सुश्रुत संहिता में इसका विशेष उल्लेख मिलता है।
मानव शरीर की रक्तवाहिकाओं तथा स्नायुतंत्र की सभी नाड़ियों के अंतिम सिरे हाथोंपैरों में हैं। जब संबंधित अंग के इस अंतिम सिरे को दबाया जाता है तो वह अंग प्रभावित होता है। जिस भी अंग के अंतिम सिरे को दबाया जाता है तो ऊर्जा का संचार उस अंग तक पहुंचने लगता है और इस क्रिया से बीच की रुकावट और अवरोध दूर हो जाता है।
इस चिकित्सा पद्धति के रक्तचाप, सिरदर्द, मानसिक तनाव, सूजन, जोड़ों का दर्द, पेट दर्द, छाती में भारीपन, लिवर की कई विकृतियां दूर की जा सकती हैं। स्वस्थ व्यक्ति भी इस चिकित्सा पद्धति से निरोग रह सकता है। नियमित करने से शरीर के विभिन्न अंगों की न केवल क्षमता बढ़ेगी,
बल्कि उस व्यक्ति को छोटी-मोटी बीमारियां कभी नहीं घेरेंगी। । विभिन्न रोगों पर निम्न विधि से प्रयोग से संबंधित बीमारियां दूर हो जाती हैं।
1-उच्च रक्तचाप के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट :
सामने चित्र पर दर्शाये बिंदुओं के अनुसार सुबह-शाम 5 से 10 सेकंड तक उतना दबायें जितना सहन हो सके। बिन्दु हैं-72, 32,18, 26, 5, 57 तथा 43
2-निम्न रक्तचाप के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट :
चित्र में दर्शाये गये बिंदुओं को भी उसी तरह दबायें। 1, 8, 32, 26 तथा 22
3-मिरगी के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट :
इस रोग के लिए इन बिंदुओं को दबायें – 1, 42, 31 तथा 75
4-माइग्रेन के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट :
इस रोग के लिए 33, 60, 61, 19, 72, 15, 32, 57 तथा 23 इन बिंदुओं को दबायें।
5-सिरदर्द के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट :
1, 62, 34, 32 तथा 56 नंबर के बिंदुओं को दबायें।
6-छाती में भारीपन के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट :
इस स्थिति में 1,72, 79, 58, 59, 65 तथा 66 नंबर बिंदुओं को दबायें।
7- सूजन के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट :
शरीर के किसी भाग में सूजन पर 1, 10, 11, 44, 27 तथा 26 नंबर बिन्दुओं को दबाने से लाभ मिलता है।
8-पेट में दर्द के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट :
पेट में दर्द होने पर 32, 36 (10 सेकंड में अधिक दबाव दें), 12, 72, 29, 38, 57 तथा 44 नंबर बिंदुओं को दबायें।
9-मानसिक तनाव के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट :
मानसिक तनाव की स्थिति में 1, 17, 30, 73, 46, 7, 3, 13, 74, 4 तथा 18 नंबर बिंदुओं को दबायें।
10-मायोपिया (दूर की दृष्टि के लिए) के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट :
मायोपिया की स्थिति में 1, 40, 47, 67, 62, 60, 19, 25, 21, 68 तथा 48 नंबर बिंदुओं को दबायें।
11-जिगर की खराबी के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट :
लिवर के कई प्रकार के रोगों पर 65, 79, 58, 49, 70, 50, 56 तथा 26 नंबर बिंदुओं को दबाने से लाभ होता है।
12-कब्ज के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट :
खाना हज़म न होने पर या पेट की गड़बड़ी पर 1, 41, 38, 44, 52, 43, 12, 72, 32 तथा 26 नंबर बिंदुओं को दबायें।
13-बवासीर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट :
बवासीर होने पर 1, 14, 54, 55, 5, 6, 26 तथा 51 नंबर बिंदुओं को दबाने के बाद पूरे पैरों में 4-5 मिनट तक रोलर चलायें।
14-संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट :
जो लोग स्वस्थ हैं, वे चित्र में दर्शाये गये बिंदुओं को सुबह-शाम 5 से 10 सेकंड तक दबाते हैं तो न केवल उनके शरीर के विभिन्न अंगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी, बल्कि उन्हें सामान्य बीमारियां कभी नहीं घेरेंगी। स्वस्थ व्यक्ति को अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए इन बिंदुओं को दबाना चाहिए-43, 83, 65, 15, 71, 12, 59, 57, 72, 3, 18, 26, 32, 50 तथा 9
कुछ महत्त्वपूर्ण बिन्दु :
43: किडनी ऊर्जा के लिए, 83 : हड्डियों एवं कर्टिलेजस को मजबूत बनाने के लिए, 65: मांसपेशियां एवं टेनडन्स को सुदृढ़ करने के लिए, 15: रक्त वाहिनियों में रक्त प्रवाह ठीक करने के लिए, 71: अस्थि मज्जा तथा लाल रक्त निर्माण के लिए, 12: खोखले अंग-जैसे : बड़ी आंत, छोटी आंत, मूत्राशय, गाल ब्लैडर, पेट, छोटी आंत को ऊर्जा देने के लिए, 59: ठोस अंग-जैसे-दिल, फेफड़े, किडनी, लीवर, स्पनील को ऊर्जा देने के लिए, 72: दिल एवं मस्तिष्क को शक्ति देने के लिए, 3, 18, 26, 32 : शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने एवं संक्रमण रोकने में सहायक, 50: रक्त निर्माण के लिए, 9: फेफड़े को शक्ति प्रदान करने के लिए।
दबाव कितनी देर डालें :
1. बारह घंटों में दो बार।
2. दबाव एक मिनट तक दिया जा सकता है, एक बिंदु पर साठ बार।
3. भोजन के एक घंटे पूर्व अथवा एक घंटे बाद।
4. दबाव सहनीय होना चाहिए और अंगूठे के अग्रभाग से दिया जाना चाहिए।

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