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Tuesday 14 February 2023

कुंडली में अंगारक दोष दांपत्य जीवन में बड़ी समस्या पैदा करता है



अंगारक योग से क्या होता है?

शास्त्रों के अनुसार मंगल औरकी युति को अंगारक योग कहा जाता है. अंगारक योग उसके नाम स्वरूप अंगारे जैसा फल देने वाला योग है इस योग के कारण इंसान क्रोधी, हिंसक और उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है. जिन राशि के जातकों को राहु और मंगल की युति का प्रतिकूल प्रभाव मिल रहा है वो कुछ उपाय करके इन ग्रहों को अनुकूल कर सकते हैं.

राहू व मंगल की युति अथवा दृष्टि संबंध को "लाल किताब" में "पागल हाथी" अथवा "खूंखार शेर" कहकर संबोधित किया गया है। लाल किताब ज्योतिष अनुसार अगर यह योग किसी की कुंडली में होता है तो ऐसे लोगों के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते हैं। आमतौर पर राहु और मंगल की युति अच्छी नहीं बताई गई इससे अंगारक नाम का दोष बनता है।

 


जब कभी गोचर में राहु और मंगल एक साथ होते हैं तो जीवन में कुछ बड़े घटनाक्रम होता है, सामान्य चलता हुआ जीवन अचानक परेशानियों में फंस जाता है।

 

कुंडली के कुछ भावों में यह योग अति परेशानियों का कारण होता है तो कुछ भाव में लाभकारी भी होता है।

 


कुंडली के 1,4,7,812 भाव में यह योग दांपत्य जीवन में बड़ी समस्या पैदा करता है। इन भावों में अंगारक योग बहुत ही ज्यादा दोषपूर्ण माना गया है।।

  🔴जन्मकुंडली के द्वादश भाव में अंगारक योग का फल-:

 1. पहले भाव में अंगारक योग होने से पेट रोग, शरीर पर चोट, अस्थिर मानसिकता, क्रूरता, दांपत्य जीवन में बाधा होती है।

 2. दूसरे भाव में अंगारक योग होने से धन में उतार-चढ़ाव व व्यक्ति का घर-बार बरबाद हो जाता है। बोलने में अपशब्दों का प्रयोग करता है।

 3. तीसरे भाव में अंगारक योग होने से बहन-भाइयों से कटु संबंध बनते हैं परंतु व्यक्ति धोखेबाजी से सफल हो जाता है। ऐसे व्यक्ति भी पराक्रमी होते हैं पुलिस फोर्स की नौकरियों के लिए ऐसे व्यक्ति काफी काबिल होते हैं।

 4. चौथे भाव में अंगारक योग होने से माता को कष्ट व भूमि-मकान संबंधित विवाद होते हैं। विवाहित जीवन कष्टमय हो सकता है। इस भाव में कई बार जातक को टेक्निकल लाइन में या शल्य चिकित्सक भी बनाता है।

 5. पांचवें भाव में अंगारक योग होने से संतानहीनता व जुए- सट्टेबाज होता है।

 6. छठे भाव में अंगारक योग होने से ऋण लेकर उन्नति होती है। व्यक्ति खूनी या शल्य-चिकित्सक भी बन सकता है।

 7. सातवें भाव में अंगारक योग होने से दुखी विवाहित जीवन, नाजायज संबंध, विधवा या विधुर होना, परंतु सांझेदारी से लाभ भी मिलता है।

 8. आठवें भाव में अंगारक योग होने से पैतृक सम्पत्ति मिलती है, परंतु सड़क दुर्घटना के प्रबल योग बनते हैं, जेल जाने का योग भी बनता है, वैवाहिक जीवन खराब होता है।

 9. नवें भाव में अंगारक योग होने से व्यक्ति वहमी, रूढ़ीवादी व तंत्र-मंत्र में लिप्त होते हैं, कई बार यह योग टेक्निकल लाइन में अच्छी उपलब्धि दिलाता है।

 10. दसवें भाव में अंगारक योग होने से व्यक्ति अति कर्मठ, मेहनतकश, स्पोर्टमेन, पुलिस फोर्स व इंजीनियर में अत्यधिक सफल होते हैं। ये शल्य चिकित्सक भी हो सकते हैं।

 11. ग्यारवें भाव में अंगारक योग होने से प्रॉपर्टी से लाभ मिलता है। व्यक्ति चोर, कपटी धोखेबाज़ होते हैं। कई बार शुभ राशि व शुभ प्रभाव की वजह से इस भाव में यह योग इंजीनियर व शल्य चिकित्सक में भी सफलता दिलाता है।

 12. बारहवें भाव में अंगारक योग होने से इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट व रिश्वतख़ोरी से लाभ होता है।

ऐसे व्यक्ति बलात्कार जैसे अपराधों में भी लिप्त होते हैं, जेल में जाने के योग बनते हैं दांपत्य जीवन भी खराब होता है। 

🔯उपाय-:

यह योग किस लग्न में किस भाव में बना हुआ है कौन सी राशि में और कितने अंशों पर बना हुआ है, यह सब देख कर ही उपाय तय करने चाहिए।

इस योग वाले जातकों को मूंगा रत्न पहनते हुए पूरी सावधानी रखनी चाहिए अर्थात कुंडली का पूरा विश्लेषण करने के बाद ही मूंगा रत्न धारण करना चाहिए।।

LAL Kitab Anmol

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