21-08-2018
मित्रो धर्मग्रंथो के अनुसार भगवान श्री कृष्णा का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि और बुधवार को हुआ था रोहिणी नक्षत्र में पर हर बार ऐसा होता है कई बार की हमको अष्टमी तिथि रात को नही मिल पाती और कई बार रोहिणी नक्षत्र नही हो पाता है इस साल भी 2 सितंबर को रविवार 8.48 रात तक सप्तमी तिथि है और उसको बाद अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी और रविवार की रात को ही चंद्रमा भी रोहिणी नक्षत्र में उच्च राशि वर्षभ मे ही है
तिथि वार और नक्षत्र जो होने चाहिए जन्माष्टमी के लिए वो रविवार की रात्रि को ही है
इसलिए व्रत पूजन कृष्ण भगवान को झूला झुलाना यह रविवार को ही होगा
कृष्ण जनमोत्स्व रविवार को मनाया जाना ही सही है
3 सितंबर को रात को 7.20 से नवमी तिथि है और मृगशिरा नक्षत्र है इसमें कृष्णा भगवान का जन्म नही हुआ है इसलिए 3 सितंबर को कृष्णा जनमोत्स्व मानना शास्त्र सम्मत नही है
ऋषि व्यास नारद जी कहते है
सप्तमी
तिथि के साथ अगर अष्टमी तिथि भी लग जाय तो
ऐसे में उस दिन ही व्रत पूजन करना चाहिए
पर इसमे भी वैष्णव मत वाले लोग जैसे कि मथुरा वृंदावन उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र बिहार यहाँ पर यह लोग उदयकालीन अष्टमी तिथि को ग्रहण करते है रात को चाहे नवमी तिथि होअष्टमी हो या न हो इसलिए कैलेंडर में 3 सितंबर की जन्म अष्टमी लिखी है
पर कृष्ण भगवान का जन्म रोहिणी नक्षत्र अष्टमी तिथि को हुआ था
इसलिए श्री कृष्णा जनमोत्स्व रविवार को ही मनाना बिल्कुल सही है
2 सितंबर जन्माष्टमी बिल्कुल सही है रविवार को यह पर्व व्रत करना चाहिए जो सही भी है
मित्रो धर्मग्रंथो के अनुसार भगवान श्री कृष्णा का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि और बुधवार को हुआ था रोहिणी नक्षत्र में पर हर बार ऐसा होता है कई बार की हमको अष्टमी तिथि रात को नही मिल पाती और कई बार रोहिणी नक्षत्र नही हो पाता है इस साल भी 2 सितंबर को रविवार 8.48 रात तक सप्तमी तिथि है और उसको बाद अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी और रविवार की रात को ही चंद्रमा भी रोहिणी नक्षत्र में उच्च राशि वर्षभ मे ही है
तिथि वार और नक्षत्र जो होने चाहिए जन्माष्टमी के लिए वो रविवार की रात्रि को ही है
इसलिए व्रत पूजन कृष्ण भगवान को झूला झुलाना यह रविवार को ही होगा
कृष्ण जनमोत्स्व रविवार को मनाया जाना ही सही है
3 सितंबर को रात को 7.20 से नवमी तिथि है और मृगशिरा नक्षत्र है इसमें कृष्णा भगवान का जन्म नही हुआ है इसलिए 3 सितंबर को कृष्णा जनमोत्स्व मानना शास्त्र सम्मत नही है
ऋषि व्यास नारद जी कहते है
सप्तमी
तिथि के साथ अगर अष्टमी तिथि भी लग जाय तो
ऐसे में उस दिन ही व्रत पूजन करना चाहिए
पर इसमे भी वैष्णव मत वाले लोग जैसे कि मथुरा वृंदावन उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र बिहार यहाँ पर यह लोग उदयकालीन अष्टमी तिथि को ग्रहण करते है रात को चाहे नवमी तिथि होअष्टमी हो या न हो इसलिए कैलेंडर में 3 सितंबर की जन्म अष्टमी लिखी है
पर कृष्ण भगवान का जन्म रोहिणी नक्षत्र अष्टमी तिथि को हुआ था
इसलिए श्री कृष्णा जनमोत्स्व रविवार को ही मनाना बिल्कुल सही है
2 सितंबर जन्माष्टमी बिल्कुल सही है रविवार को यह पर्व व्रत करना चाहिए जो सही भी है
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