बीमारी का बगैर दवाई भी इलाज़ है,मगर मौत का कोई इलाज़ नहीं दुनियावी हिसाब किताब है कोई दावा ए खुदाई नहीं लाल किताब है ज्योतिष निराली जो किस्मत सोई को जगा देती है फरमान दे के पक्का आखरी दो लफ्ज़ में जेहमत हटा देती है

Sunday 10 February 2013

लाल किताब मे भाव की महिमा

अंतर्गत लेख:






लाल किताब मे भाव को घर या खाना कहा जाता है l पहला भाव लग्न कहलाता है l इससे व्यक्ति के शारीरिक गठन, व्यक्तितव और प्रकति का विचार किया जाता है l पहले घर का समंध हमारे पिचले जन्मो के उन संचित कर्मो के बारे मे बताता है l जिनका फल हमे इस जन्म मे हमने जब शारीर त्यागा था तो अतमा के साथ साथ मन, अहकार को भी साथ ले आये थे l उस समय की हमारी मन: स्थिति के हिसाब से ही हमे यह जीवन मिला है l
हम किस्मत के हाथ के खिलोने किस हद तक रहेगे, उसका संबध इस घर से है lपहले घर का कारक सूर्य है l सूर्य को हमारी अत्त्मा का कारक माना गया है हम हमारा स्वास्थ्य भी पहले घर से देखा जाता है l पहले घर का मालिक मंगल है और मंगल को व्यक्ति के प्रक्रम व् परोपकार भी इसी घर से देखा जाता है l

दूसरा भाव :-
धन, परिवार, आंख, और वाणी- दुसरे भाव से देखे जाते है l दुसरे घर मे बैठा गृह किस्मत का मालिक कहलाता है l इस घर का मालिक शुक्र व् कारक गुरु है l हमारी इज्जत व् शुभ कार्यो दुआर कमाकर संचित किया गया धन इसी घर से देखा जायगा l हमरे पास के ऐशो- आराम व् अंदर की नेकी- बंदी व् दुसरो भाव से देखा जाता है l हमारी ससुराल कैसी होगी व् ससुराल से हमारे सम्बन्ध कैसे होगेl का विचार भी इसी भाव से होगा l

तीसरा भाव :-
व्यक्ति के प्रक्रम, छोटे भाई- बहन, छोटी यात्राये व् प्रकाशन कार्य का विचार किया जाता है l इस भाव का कारक मंगल है और मालिक बुध है l यह घर हमारे भाग्य के उतार-चराव भी दर्शाता है l व्यक्ति के पास के एसो आराम के साधन भी इसी भाव से देखे जाते हैl व्यक्ति के बाजु - आँखों की पलखे, जिगर, खून , की मत्र्य व् दोष आदि का विचार इस भाव से किया जाता है l व्यक्ति अपनी जिम्मेवारी, फर्ज, आदि किस हद तक निभाएगा l

चोथा भाव :-
ज्योतिषी की प्राचीन पाराशरी पद्धति के हिसाब से चोथा घर माता, जायेदाद, भोतिक व् शिक्षा का कारक है l लाल किताब के हिसाब से चोथे घर का कारक व् मालिक चन्द्र ही है l चोथा घर धन रखने की जगह व् पानी के स्थान से सम्बिधित है l चोथे घर मे शुभ गृह हो तो व्यक्ति पानी, दूध या कपडे के वयेव्साए से लाभ कमाता है l यह घर उतर दिशा का कारक है लक्ष्मी का निवास स्थान है और व्यक्ति के धन संग्रह का स्थान छाती और दिल का संबंद इस गहर से है l

पंचम भाव :-
पांचवे भाव से बुधि, संतान व् प्रणय समभ का विचार किया जाता है l हमारे घर मे हवा व् प्रकाश जहा से अंदर आता है उस का विचार इस भाव से किया जाता है l दुनिया मे हमारा कितना नाम व् सामान होगा और हम किस हद तक इमानदार है आदि का विचार भी यही होता है विधा औए शिक्षा दुआर हम कितना फल मिलेगा l

छठा भाव :-
छठे घर से व्यक्ति के रोग, शत्रु , सेवक व् मामा का विचार किया जाता है l लाल किताब इस घर मानती है l भाग्य के समभ मे यह घर हमारी गिरावट को दर्शाता है l रिश्तेदारों से मिलने वाली मदद इसी घर देखी जाती है

सातवाँ भाव :-
दम्पति, विवाह का विचार इस घर से किया जाता है l इस घर का मालिक शुक्र और कारक बुध व् शुक्र है l इस घर का समध हमारे जन्म स्थान से भी है l सासु राल का मकान कैसा होगा l इस घर से पता चलेगा l

आठवाँ भाव :-
इस घर से व्यक्ति की आयु व दुर्घटनाओ का विचार किया जाता है l व्यक्ति को बीमा आदि मे मिलने वाला लाभ व दहेज़ की मात्रा यह घर बताता है l लाल किताब इसे मुसीबतों का घर कहती है l अग्नि का स्थान का विचार भी इसी घर से किया जाता है l घर के आसपास का वातावरण दबाइया रखने का स्थान यह घर बताता है l इस घर का मालिक मंगल है l व्यक्ति की पाचन क्रिया व पीठ का कारक भी यही घर है l शरीर की चर्बी व लम्बी बीमारियों का विचार भी यही होता है l हमारे धन का उपयोग दुसरो दुबारा कितना होगा ? हम जीवन मे कितना प्रयतनशील रहेगे l इसी घर से पता चलेगा l

नौवाँ भाव :-
यह घर व्यक्ति के सोभाग्य, प्रसिद्धी, पूजा व उअच शिक्षा का ज्ञान कराता है l व्यक्ति मानसिक रूप से कितना जागरूप होगा ? जीवन की व्येस्ता और संघर्ष कितना होगा ? समय शुभ कार्यो मे खर्च करेगा l या व्यर्थ की बातो मे खर्च करेगा ? यह घर हमारी किस्मत की बुनियाद है l हमारे काम करने का स्थान कैसा होगा ? बुजुर्गो से हमे क्या लाभ होगा ? बुजुर्गो की हालत कैसी होगी इसी घर से पता चलेगा l शारीरिक अंगो मैं नाक के नुथने और वीर्ये का कारक है l

दसवाँ भाव :-
यह घर व्यक्ति के सामाजिक स्तर, व्यापार मै हमारा बर्ताव व् पिता के सुख दुःख के बारे मे बताता है l पुराने मकान व् किराए के मकान के बारे मे इस घर से पता चलता है l मकान मे लगी लकड़ी-लोहा, पत्थर आदि का संबध भी इसी घर से है l व्यक्ति की शोहरत कम होगी या ज्यादा ? उस पर कोई दाग तो नहीं लगेगा ? इसका संबध भी इसी घर से है l व्यक्ति का आखिरी समय कैसा कटेगा ? जीवन मे सफलता कैसे प्रयाप्त करेगे l हम धन कमाने के लिए किस हद तक दूसरो को धोखा दे सकते है l रीढ़ की हडी घुटने व् पुरे अस्थि- पंजर का सम्बन्ध भी इसी घर से है l काली खासी व् श्वास के रोग यही से देखे जाते है l

ग्यारहवाँ भाव :-
इस घर से व्यक्ति के मित्र, बड़े भाई, समाज, लाभ व आकाश्न्यो आदि का विचार किया जाता है l लाल किताब इसे लालच का घर कहती है l व्यक्ति आपने लाभ के लिए किस हद तक लालची हो सकता है l आपना फर्ज पूरा करने मे हम किस हद तक काम कर सकते है l नोवा घर किस्मत का मैदान है , सातवा घर किस्मत का फेलाव है l मकान की बाहरी शोभा कैसी होगी, इस घर से पता चलेगा l बने बनाये खरीदे गए मकान का संबध भी इसी घर से है l हमारे रोजी कमाने के , व कमाई के साधन कैसे होगे ? मालिक या अफसर कैसा होगा ? उससे सम्बन्ध कैसे होगे ? आदि का सम्बन्ध इसी घर से होगे? जिस्म के हिस्सों मे माथे तथा गुदा के उपरी हिस्से का कारक भी यही घर है l

बाहरवाँ भाव :-
यह घर व्यक्ति के व्वाये , हानि, जेल यात्रा, आवास परिवर्तन, बंधन व मोक्ष्ये को दर्शाता है l यह घर मस्तिक मैं अनाचक उत्तपन होने वाले विचारो से सम्बन्ध रखता है l व्यक्ति दुआर दिए गए आशीवाद या शाप का क्या असर होगा, इस घर से पता चलेगा l मकान के अंदर कितनी रोनक होगी ? सोने का स्थान कैसा होगा ? पडोसी का मकान कैसा होगा ? व्यक्ति खर्चीला होगा या कंजूस ? घर मैं सोने वाली बरकत कितनी होगी ? दूसरो से हमे सम्मान मिलेगा या बदनामी? दुसरो को हम कितना सम्मान देगे ? बुढ़ापा कैसे बीतेगा ? पति - पत्नी के बेड- रूम मे सम्बन्ध कैसे रहेगे ? नीद का सुख कैसा मिलेगा ?



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