समुद्र शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति का चेहरा एक खुली किताब होता है, जिसके माध्यम से उसके व्यक्तित्व व स्वभाव के बारे में आसानी से जाना जा सकता है।
चेहरे का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं होंठ। होंठ न सिर्फ चेहरे को सुंदरता प्रदान करते हैं अपितु कामवासना के पूरक भी माने जाते हैं। होंठों के प्रकार के अनुरूप ही व्यक्ति का स्वभाव भी होता है।
लाल होंठ- इस प्रकार के होंठ कर्मठता के प्रतीक है। ऐसे जातक क्रोधी, उत्तेजनात्मक, हठी, उत्सुक व साहसी होते हैं।
संकुचित होंठ- ऐसे होंठ छोटे व पतले होते हैं इनमें कोई रंग नहीं होता। ऐसे जातक दिखावटी, अक्षम होते हैं इनकी बोलने की क्षमता भी अपेक्षाकृत कम होती है।
उभरे हुए होंठ- जिनके होंठ उभरे हुए होते हैं ऐसे जातक मांसाहारी, मंदबुद्धि, डरपोक, नीचसंगत, हीनभावना से ग्रसित रहते हैं।
मोटे होंठ- अधिक थुलथुले, मांस से भरपूर होंठ जो देखने में बदसूरत लगते हैं। ऐसे जातक क्रोधी स्वभाव, वासनात्मक वृत्ति, भावुक, शीघ्र आवेश में आने वाले, अपराधी व जिद्दी होते हैं।
रसिक होंठ- ऐसे होंठ लाल रंग, मृदुल, चिकने व दिखने में कलात्मक होते हैं। ऐसे जातक रमणीक, कामासक्त व भोगी होते हैं।
गुलाबी होंठ- गुलाबी होंठो के जातक आदर्शवादी होते हैं। व्यवहार कुशलता, उदारता, विकसित बुद्धि, संतुलित, सरल व मृदु स्वभाव इनकी विशेषता होती है।
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