किस तारीख को है कौन सा श्राद्ध:
13 सितंबर शुक्रवार प्रोष्ठपदी/पूर्णिमा श्राद्ध
14 सितंबर शनिवार प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध
15 सितंबर रविवार द्वितीया तिथि का श्राद्ध
17 सितंबर मंगलवार तृतीया तिथि का श्राद्ध
18 सितंबर बुधवार चतुर्थी तिथि का श्राद्ध
19 सितंबर बृहस्पतिवार पंचमी तिथि का श्राद्ध
20 सितंबर शुक्रवार षष्ठी तिथि का श्राद्ध
21 सितंबर शनिवार सप्तमी तिथि का श्राद्ध
22 सितंबर रविवार अष्टमी तिथि का श्राद्ध
23 सितंबर सोमवार नवमी तिथि का श्राद्ध
24 सितंबर मंगलवार दशमी तिथि का श्राद्ध
25 सितंबर बुधवार एकादशी का श्राद्ध/द्वादशी तिथि/संन्यासियों का श्राद्ध
26 सितंबर बृहस्पतिवार त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध
27 सितंबर शुक्रवार चतुर्दशी का श्राद्ध
28 सितंबर शनिवार अमावस्या व सर्वपितृ श्राद्ध
29 अक्तूबर रविवार नाना/नानी का श्राद्ध
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क्यों किया जाता है श्राद्ध? पितृ ऋण उतारने के लिए ही पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म किया जाता है। माना जाता है कि इस दौरान हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं और हमारे द्वारा श्रद्धा के साथ दी गई सामग्री को स्वीकार करते हैं। इसलिए इन दिनों जो कुछ भी उन्हें श्रद्धा के साथ अर्पण किया जाता है उसे ही श्राद्ध कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं अनुसार जो व्यक्ति अपने पितरों का तर्पण या श्राद्ध नहीं करता उसे पितृदोष का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष में भी पितृदोष को सबसे अहम माना गया है। इस दोष के कारण व्यक्ति अपने जीवन में तरक्की नहीं कर पाता। लेकिन अगर पितर खुश हैं तो वे आपके जीवन में खुशहाली बने रहने का आशीर्वाद देते हैं। अत: जिन लोगों की कुंडली में पितृदोष लगा हुआ है उन्हें इस दौरान पूरी श्रद्धा भाव से पितरों की शांति के उपाय करने चाहिए।
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